गुजरात के पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई 1998 पालनपुर ड्रग प्लांटिंग मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई है। एक वकील को झूठे मामले में फंसाने को लेकर भट्ट समेत 7 लोगों से पुलिस ने पूछताछ की। फिलहाल गांधीनगर सीआईडी क्राइम ब्रांच में उनसे पूछताछ की जा रही है।
क्या है आरोप?
बता दें कि संजीव भट्ट जब बनासकांठा के डीसीपी थे, उस दौरान एक वकील को नार्कोटिक्स के झूठे मामले में फंसाने का उनपर आरोप है। उस समय लगभग 8 ऐसे नार्कोटिक्स मामले थे जिसमें विवाद हुआ था। इनमें कुछ आरोपी राजस्थान के हैं। राजस्थान के आरोपियों ने संजीव भट्ट पर झूठा केस दायर कर उनसे पैसे एंठने का आरोप लगाया था।
विवादों से रहा है पुराना नाता
अमूमन विवादों में रहने वाले संजीव भट्ट के घर पर पिछले दो महीने पहले अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने अवैध निर्माण को तोड़ा था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने संजीव भट्ट के घर के निर्माण को लेकर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे गिराने का आदेश दिया था।
हाल ही में संजीव भट्ट तब चर्चा में आए थे जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद हो रहा था। इस दौरान गुजरात कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी और पीएम मोदी के बड़े आलोचक संजीव भट्ट ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताया था और साथ ही उनके योगदान पर गर्व करने की भी बात कही थी।