महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को मुंबई में दो नई मेट्रो रेल लाइन का उद्घाटन किया। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने जीएसटी मुआवजे और राज्य की परियोजनाओं के लिए लंबित मंजूरी जैसे मुद्दों पर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। ठाकरे ने कहा, एमवीए सरकार में कोई अस्थिरता नहीं है। यदि कोई गिराने की कोशिश करेगा तो उसे हम अपने विकास कार्यों से मुंहतोड़ जवाब देंगे।
सीएम ठाकरे ने कहा कि ऐसे कई प्रोजेक्ट होते हैं, जिसका भूमिपूजन होता है, लेकिन कभी प्रोजेक्ट आता नहीं। लेकिन अब कोरोना के बाद कुछ लोगों को नई बीमारी है। पहले कोई काम नहीं करते हैं, बाद में जो करते हैं वो कहते हैं, की हम ही करते हैं या कहते हैं कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। इनका कोई इलाज नहीं है। वो कहते हैं हमने काम किया है, मुंबईकरों ने देखा है। वास्तविक बात यह है कि मुंबईकरों ने देखा कि किस तरह तुमने आरे के पेड़ों को काटा। मतलाब पर्यावरण और दूसरी चीजों की परवाह ना करते हुए काम कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो भी मेट्रो का श्रेय मांग रहे हैं, वो मैं उन्हें देने को तैयार हूं लेकिन जिस तरह मेट्रो है, उसी तरह बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट है। मुंबई के बीकेसी में इन्हें जगह चाहिए। बुलेट ट्रेन पर सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि आखिर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन से क्या फायदा होगा? कंजूरमार्ग में मेट्रो कारशेड के लिए जमीन मौजूद है, वो यह नहीं दे रहे हैं। केवल श्रेय लेना है, अगर श्रेय लेना है तो यह काम करके श्रेय लीजिए।
ठाकरे ने कहा कि उन्हें यह देखना चाहिए कि जिस काम की शुरुआत उन्होंने की, उसे आगे बढ़ाने का काम हमने किया। हमने उसे रोका नहीं। अगर बुलेट ट्रेन चलानी है तो मुंबई से अहमदाबाद नहीं, पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से नागपुर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "हम मुंबई में एक पंपिंग स्टेशन के लिए जमीन की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमें इससे इनकार किया जा रहा है। मैंने आज जीएसटी भवन का उद्घाटन किया। महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक जीएसटी उत्पन्न करता है, लेकिन हमारा बकाया समय पर नहीं चुकाया जाता है। हम नहीं हैं भीख मांगते हुए, हम अपने हिस्से के करों की मांग कर रहे हैं, और इसे हमेशा के लिए नकारा जा रहा है।"
मुंबई, नागपुर और पुणे में चल रही मेट्रो रेल परियोजनाओं की घोषणा की गई और 2014-19 के बीच शुरू हुई जब भाजपा और ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का गठबंधन सत्ता में था। 2019 के चुनावों के बाद, शिवसेना ने राज्य में नई महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया।