नोटबंदी और जीएसटी से त्रस्त होकर आत्महत्या करने वाले प्रकाश पांडेय के परिवार को उत्तराखंड सरकार ने 10 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
Debt-ridden #Uttarakhand businessman Prakash Pandey suicide case: State Govt announces Rs 10 lakh compensation to the kin and a Govt job for a family member
— ANI (@ANI) January 10, 2018
बता दें कि उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के सामने जहर खाने वाले ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मंगलवार को मौत हो गई। मृतक का आरोप था कि वह नोटबंदी और जीएसटी की वजह से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।
शनिवार को देहरादून के प्रदेश भाजपा मुख्यालय में प्रकाश पांडेय जनता मिलन कार्यक्रम में जहर खाकर पहुंच गया। देहरादून के भाजपा कार्यालय में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल जनता की शिकायतें सुन रहे थे।
हल्द्वानी में ट्रांसपोर्टर का काम करने मृतक ने आरोप लगाया था कि जीएसटी और नोटबंदी ने उसका कारोबार ठप कर दिया है। वह कर्ज में डूब गया है। उसने कहा, “मुझे नोटबंदी और जीएसटी ने बर्बाद कर दिया है। इसलिए मैंने जहर खा लिया।”
पांडे ने कहा था, “पिछले पांच वर्षों से मैं सरकार तक अपनी समस्या पहुंचाना चाहता हूं, लेकिन मुख्यमंत्री किसी काम के नहीं हैं… वह किसी की नहीं सुनते हैं। मेरी तरह (नोटबंदी और जीएसटी की वजह से कर्जदार हुए) और भी कई लोग हैं।”
अपनी कहानी बताते-बताते वह गिर गया। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने उसे दून अस्पताल पहुंचाया। जहां उसे आईसीयू में रखा गया। कृषि मंत्री उनियाल के मुताबिक, कारोबारी ने पार्टी कार्यालय में आने से पहले जहर का सेवन किया था।
इधर अस्पताल के डॉक्टरों ने पांडे की हालत को गंभीर बताते हुए निरीक्षण में रखा था।