मेघालय के दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक जनसभा में भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। राहुल ने कहा कि राज्य में भाजपा ने यहां के चर्चों को करोड़ों रुपये का ऑफर दिया है। भाजपा चर्च, धर्म और गॉड को खरीदना चाहती है जो घिनौना है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मेघालय की जनता से कांग्रेस को एक बार फिर सत्ता में लाने की अपील की।
राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'बीजेपी यहां आई और मेघालय के चर्चों को करोड़ों रुपये का ऑफर दिया। इसी तरह से वह सोचती है कि कांग्रेस के विधायकों को खरीदा जा सकता है और यहां सरकार बनाई जा सकती है। बीजेपी यह भी सोचती है कि वे यहां पर आ सकते हैं और चर्च, धर्म और गॉड को खरीद सकते हैं। यह घिनौना है।'
BJP comes here & offer crores of rupees to the churches of Meghalaya. Just like they think they can buy some Congress MLA's & form the govt here, they also think they can come here & buy the church, the religion and God. This is disgusting: Rahul Gandhi in #Meghalaya. pic.twitter.com/dZ1Hi9KgFv
— ANI (@ANI) February 21, 2018
इससे पहले शिलांग में राहुल गांधी ने रोड शो किया और इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका फूलों से स्वागत किया।
बता दें, मेघालय में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पूर्वोत्तर भारत पर कभी राज करने वाली कांग्रेस पार्टी इन दिनों इलाके में अस्तित्व बचाए रखने के संकट से जूझ रही है। मेघालय चुनाव से कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं। उधर, देश के अन्य हिस्सों की तरह ही मेघालय में भी कमल खिलाने के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया है।
मेघालय में दिवंगत पीए संगमा की पार्टी नैशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और बीजेपी से कांग्रेस को तगड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि पिछले आठ सालों से सत्ता में काबिज मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आएगी। मुकुल संगमा के आत्मविश्वास को छोड़ दें तो वर्ष 2016 में हुए तूरा लोकसभा उपचुनाव में एनपीपी ने उन्हें तगड़ा झटका दिया था।
तूरा लोकसभा सीट के उपचुनाव में पीए संगमा के बेटे कोनार्ड ने सीएम मुकुल संगमा की पत्नी को बड़े अंतर से हरा दिया था। उधर, बीजेपी ने भी राज्य में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। बीजेपी ने ईसाई बहुल मेघालय में अपने हिंदुत्व के अजेंडे को स्थानीय भावनाओं के आधार पर हल्का कर दिया है। पिछले साल दिसंबर में पीएम मोदी की रैली फॉर चेंज में काफी भीड़ जुटी थी। बीजेपी ने यहां पर बीफ के मुद्दे से भी परहेज किया है।