Advertisement

पशु बिक्री बैन पर कांग्रेस ने कहा- गायों की बजाए मनुष्यों के जीवन को महत्व दे केंद्र सरकार

पशुओं की खरीदी-बिक्री को लेकर मोदी सरकार के आदेश को मेघालय की कांग्रेस सरकार ने बड़ा झटका दिया है। इस मामले के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है। वहीं, मेघालय के सीएम मुकुल संगमा ने मोदी सरकार की इस अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग की है। राज्य में यह मामला काफी गर्मा गया था।
पशु बिक्री बैन पर कांग्रेस ने कहा- गायों की बजाए मनुष्यों के जीवन को महत्व दे केंद्र सरकार

दरअसल, सोमवार को मेघालय के मुख्‍यमंत्री व कांग्रेस नेता मुकुल संगमा द्वारा पेश किए गए प्रस्‍ताव को विधानसभा के सभी सदस्‍यों का समर्थन मिला और इसे पास कर दिया गया। उन्‍होंने अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है, क्‍योंकि इससे राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था के साथ लोगों की खाने की आदतें प्रभावित होंगी।

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शुरुआत से ही सभी पूर्वोत्‍तर राज्‍य कहते आ रहे हैं कि खाने की चीजों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। किसी को क्‍या खाना चाहिए, क्‍या नहीं खाना चाहिए यह केंद्र सरकार का एजेंडा नहीं है। इसे उन्‍हें राज्‍य सरकार पर छोड़ देना चाहिए। सरकार को खाने के लिए आचार संहिता लागू नहीं करनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस नेता केटीएस तुलसी ने कहा कि सरकार को गायों की बजाए मनुष्यों के जीवन को महत्व देना चाहिए और लोगों के निजी जीवन में बिल्‍कुल भी हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहिए।

मोदी सरकार की ओर से मई में बूचड़खानों के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर बनाए नए नियम को बीफ बैन से जोड़कर देखा जा रहा था। बीफ का मुद्दा मेघालय में इसलिए भड़का है क्योंकि मेघालय में 80 फ़ीसदी से ज़्यादा आबादी ईसाई है। वहीं करीब 89 फीसदी लोग बीफ़ का सेवन करते हैं।

गौरतलब है कि आगामी वर्ष मेघालय में विधानसभा के चुनाव हैं, जिसको देखते हुए बीफ जैसे मुद्दों पर मेघालय में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सत्ता पाने का जो सपना देख रहे हैं उसे बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के इस कदम से भाजपा को अब अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है।    

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad