मध्य प्रदेश में लगातार तीसरे दिन नेताओं की विवादित बयानबाजी जारी है। रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइटम वाले बयान से शुरू हुआ। सोमवार को शिवराज के मंत्री ने विपक्षी नेता की पत्नी के लिए अपशब्द कहे। अब प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने विवादित बयान दे डाला।
मंत्री ने कहा कि सारे आतंकवादी मदरसों में पले और बढ़े है, इन लोगों ने जम्मू.कश्मीर को आतंकवाद की फैक्ट्री बना डाला। सभी बच्चों को समान शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता फैला रही है। नफरत फैला रही है। ऐसे मदरसे जो हमें राष्ट्रवाद और समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते, उन्हें ही सही शिक्षा से जोड़ना चाहिए और समाज को सबकी प्रगति के लिए आगे लेकर जाना चाहिए।
उषा ठाकुर ने कहा मदरसों को देश भर में मिलने वाली सरकारी मदद बंद होनी चाहिए। असम ने मदरसे बंद करके दिखा दिया है कि राष्ट्रवाद में बाधा डालने वाली चीजें राष्ट्रहित में बंद होनी चाहिए। अगर कोई निजी तौर पर अपने धार्मिक संस्कार किसी को देना चाहता है तो संविधान उसे इसकी इजाजत देता है।
पिछले दो दिनों से उपचुनाव के दौरान नेताओं के लगातार विवादित बयान आ रहे है। कमलनाथ ने रविवार को डबरा में एक चुनावी सभा के दौरान शिवराज कैबिनेट की मंत्री इमरती देवी को आइटम कहा था। नाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई नेताओं ने मौन धरना दिया था।
सोमवार को शिवराज के मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी की पत्नी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। बिसाहूलाल सिंह ने अनूपपुर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह कुंजाम की पत्नी को रखैल बताया था।
उषा ठाकुर पहले भी विवादित बयान चुकी है। गरबे में मुस्लिमों की एंट्री पर उन्होंने ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को वंदे मातरम गाने में आपत्ति है तो साक्षात मां दुर्गा की प्रतिमा के आसपास गरबा कैसे कर सकते हैं। यदि अल्पसंख्यक गरबे में आना चाहें तो परिवार से मांए बहन या पत्नी को साथ लेकर आएं। आयोजकों से कहा था कि गरबा पंडालों से मुस्लिम लड़कों को दूर रखा जाए। लड़कियों से भी कहा था कि वे बैकलेस और लो वेस्ट ड्रेस न पहनें।