राजस्थान में जयपुर के जिला एवं सेशन न्यायालय ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के स्लीपर सेल से जुड़े मामले में बारह आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया है। न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने आज यह फैसला सुनाते हुये वर्ष 2014 में गिरफ्तार सिमी के राजस्थान स्लीपर सेल से जुड़े इस मामले में 13 सदस्यों में से 12 को आतंकवादी गतिविधियों में दोषी करार दिया गया जबकि एक को इस मामले में बरी कर दिया।
दोषी पाये गये आरोपियों में अब्दुल मजीद, मोहम्मद वाहिद, मोहम्मद उमर, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद वकार, मोहम्मद अम्मार, बरकत अली, मशरफ इकबाल, मोहम्मद मारूफ, अशरफ अली, मोहम्मद साकिब अंसारी, वकार अजहर एवं मोहम्मद सज्जाद शामिल हैं जबकि जोधपुर के रहने वाले आरोपी इशरफ इकबाल को बरी कर दिया गया। इनमें एक बिहार का रहने वाला हैं जबकि शेष सभी राजस्थान के रहने वाले हैं। अदालत इन दोषियों को आज ही सजा सुनायेगी। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स थे जो आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करते थे। इन्हें 2014 में एटीएस और एसओजी ने अरेस्ट किया था था। आतंकी करार दिए गए स्टूडेंट्स में 6 सीकर के, 3 जोधपुर के और एक-एक जयपुर-पाली के और एक बिहार के गया के रहने वाले हैं। जिस एक स्टूडेंट को बरी किया गया है, वह जोधपुर का रहने वाला है।
एटीएस एवं एसओजी ने इस मामले में 177 गवाहों के बयान कराये गये तथा 506 दस्तावेज पेश किये गये। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में सिमी की स्लीपर सेल से जुड़ा यह मामला करीब सात साल पुराना है। दिल्ली में गिरफ्तार हुए आतंकवादियों से मिली जानकारी के आधार पर प्रदेश में एटीएस एवं एसओजी की टीमों ने 2014 में जयपुर, सीकर एवं अन्य जिलों में तेरह संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि ये प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े है और राजस्थान में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बम बनाने आदि काम में लगे हुए थे।