कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के एक साल पूरा होने के बाद कश्मीर में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की दिशा में भी ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। 370 हजाए जाने की पहली वर्षगांठ के मौके पर हिंसा और प्रदर्शनों के इनपुट मिलने के बाद कश्मीर में पाबंदियां लगाई गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में, खासकर श्रीनगर शहर में पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अलगाववादियों की शांति भंग करने की योजना सफल न हो।
पुलिस ने बताया, "तीन से अधिक व्यक्तियों के एक साथ खड़े होने पर प्रतिबंध है और लोगों से अनुरोध है कि वे कानून का उल्लंघन न करें और घर के अंदर ही रहें।"
अधिकारियों ने बताया कि आवश्यक सेवाओं और आपात स्थितियों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए श्रीनगर शहर सहित घाटी में सैकड़ों स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, जबकि सड़कों के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध करने के लिए कंसर्टिना के तार लगाए गए हैं।
श्रीनगर के अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की थी कि श्रीनगर शहर में लोगों के जीवन और संपत्ति को खतरे में डालने वाले हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बारे में जानकारी मिलने के मद्देनजर कर्फ्यू लगाया जाएगा क्योंकि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित समूह 5 अगस्त को "ब्लैक डे" के रूप में मनाने की योजना बना रहे हैं।
हालांकि, कर्फ्यू लगाने का आदेश मंगलवार शाम अचानक वापस ले लिया गया। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि कर्फ्यू आदेश को रद्द करने का फैसला मंगलवार को वापस लिया गया क्योंकि मंगलवार का दिन बिना किसी अप्रिय घटना के गुजर गया था।
5 अगस्त 2019 को कश्मीर बना था केंद्र शासित प्रदेश
बता दें कि पिछले साल अगस्त में ही जम्मू-कश्मीर में ऐसा ही कर्फ्यू लगाया गया था। 5 अगस्त को केंद्र ने कश्मीर से विशेष दर्जा हटाकर दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित का फैसला किया था। आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्रशासित राज्य बनाए गए थे। इस दौरान सैकड़ों नेता हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए। पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता अभी भी नजरबंद हैं।
कर्फ्यू का पहले से था अनुमान: महबूबा
श्रीनगर जिले में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो कि चार और पांच अगस्त को भी जारी रहेगा। ऐसे में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जैसे कि अनुमान था कि पांच अगस्त को सामान्य स्थिति बनाने के लिए श्रीनगर में धारा 144 लागू करने के साथ-साथ सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती चल रही है और शहर कटीले तारों, पुलिस वैन और बैरिकेड की भूलभुलैया में खो गया है।
उमर अब्दुल्ला ने भी दी प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कर्फ्यू की घोषणा पर ट्वीट करके कहा कि 2019 की तुलना में इस साल 24 घंटे पहले ही श्रीनगर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुझे लगता है कि आज रात से अगले दो दिनों तक कर्फ्यू के तहत सख्त कर्फ्यू रखा जाएगा है।
हर तरफ कड़ी सुरक्षा कर दी गई है ताकि कहीं पर कोई माहौल खराब ना कर सके। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा श्रीनगर के हर पुलिस थाना इलाके में एक मैजिस्ट्रेट तैनात किया गया है, जो पूरे हालात पर नजर रख रहा है।