कोविड-19 से हुई मौत के मामले में उत्तराखंड देश में दूसरे स्थान पर है। सबसे ज्यादा मौत पंजाब में हुईं हैं। हालात ये हैं कि पहली और दूसरी लहर में उत्तराखंड में 30 जून तक कुल 7,316 लोगों की मृत्यु इस महामारी से हुई। अहम बात यह है कि इनमें से तमाम मौतों को छुपाया गया है। मौत बैकलॉग के अब तक 1210 मामले सामने आ चुके हैं।
सामाजिक संस्था सोशल डेवलमेंट फॉर कम्युनिटीज फॉउंडेशन राज्य में पहली लहर आने के समय से ही कोविड-19 के सरकारी आंकड़ों का अध्ययन कर रिपोर्ट जारी कर रही है। इस संस्था के मुखिया अनूप नौटियाल ने 30 जून तक हुई मौत के बारे में एक डॉटा जारी किया है। इसके अनुसार 30 जून तक प्रदेश के सभी 13 जिलों के 90 अस्पतालों मे 1210 बैकलॉग मृत्यु दर्ज हुई हैं। हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर जिलों से 855 यानि 70 प्रतिशत बैकलॉग मौतों की सूचना मिली है।
अनूप बताते हैं कि सबसे ज्यादा बैकलॉग मौत वाले तीन अस्पताल में से एम्स ऋषिकेश में 78, बाबा बर्फानी अस्पताल हरिद्वार में 65 और जेएलएन डीएच अस्पताल, रुद्रपुर 65 मौत शामिल हैं। इसके अलाना जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में 61, भेल अस्पताल, हरिद्वार में 51, रामकृष्ण मिशन अस्पताल हरिद्वार में 45, बेस अस्पताल अल्मोड़ा में 45, दून मेडिकल कालेज में 41, हिमालयन अस्पताल 37 और एसडीएच नरेंद्र नगर में 36 बैकलॉग में दर्ज हुई है। इसी तरह अन्य अस्पतालों से भी सूचनाएं मिल रहीं हैं।
अहम बात यह भी है कि सरकार शुरुआत से कोरोना से मौत के आंकड़ों को छुपाने वालों पर एक्शन की बात कर रही है। लेकिन सरकारी सिस्टम केवल नोटिस जारी करने की खानापूरी ही कर रहा है। अभी तक मौत का इतना बड़ा बैकलॉग सामने आने के बाद भी किसी भी अस्पताल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है।