आपातकाल के दौरान एक भी दिन जेल में रहने वालों को मध्यप्रदेश सरकार पेंशन देने वाली है। सरकार ने यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लिया है।
मंत्रि-परिषद ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डीआईआर राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि 2008 में संशोधन करने का निर्णय लिया। संशोधन अनुसार ऐसे व्यक्ति जो मीसा/डीआईआर के अधीन राजनैतिक या सामाजिक कारणों से एक माह से कम कालावधि के लिए निरुद्ध रहे हों उन्हें 8000 रुपए प्रतिमाह तथा ऐसे व्यक्ति जो एक माह या एक माह से अधिक की कालावधि के लिए निरुद्ध रहे हों, उन्हें 25 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से सम्मान निधि की पात्रता होगी, कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए यह बात संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी।
सरकार इसके लिए नियमों में बदलाव भी करने जा रही है। नए नियमो के तहत ऐसे पात्र व्यक्ति जो राजनैतिक या सामाजिक कारणों से 19 माह आपातकाल के दौरान एक दिन भी जेल रहे हो उन्हे आठ हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय का लोकतंत्र सेनानी संघ ने स्वागत किया है। संघ के पदाधिकारी संतोष शर्मा ने कहा, “आपातकाल के दौरान मीसा/डीआईआर में एक माह से कम समय निरूद्ध रहे व्यक्तियों को सम्मान निधि देने के निर्णय के लिये हम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का स्वागत करते है कहते है।”
वही प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और डीसेंडेंट्स ऑफ़ फ्रीडम फायटरस एसोसिएशन ( Descendents of Freedom Fighter's Association) के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहते है शिवराज सरकार उन्हे पेंशन देने जा रही जिन लोगो ने राजनैतिक या सामाजिक कारणों से सरकार के फैसले का विरोध किया था।
बता दें कि प्रदेश में लगभग 2600 राजनैतिक या सामाजिक कारणों से सरकार के फैसले के आपातकाल का विरोध कर चुके व्यक्ति लोकनायक जयप्रकाश नारायण (मीसा/डीआईआर राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि 2008 के तहत 25 हजार रुपए महीना पेंशन हासिल कर रहे है।