देहरादून। संस्कृति विभाग ने साफ कर दिया है कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर बनाने को कोई प्रस्ताव शासन ने पुरातत्व विभाग को नहीं भेजा और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। विभागीय सचिव हरि चंद सेमवाल ने कहा कि इस तरह की भ्रामक खबरें फैलाने वाले अपनी हरकतों से बाज आए।
कई रोज से मीडिया में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि सरकार ने केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव पुरातात्विक विभाग को भेजा है। इसके बाद से तीर्थ पुरोहितों में खासा आक्रोश है और वे लोग इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों ने एक स्वर में कहा कि सरकार की ऐसी किसी भी मंशा को पूरा नहीं होने देंगे। इसके विरोध में आर-पार के संघर्ष का ऐलान किया।
इन खबरों का संस्कति विभाग ने संज्ञान लिया और पुरातत्व विभाग के अफसरों के साथ एक बैठक की। इसमें विभागीय सचिव हरि चंद सेमवाल ने पुरातत्व अधीक्षण ने पूछा कि इस तरह का प्रस्ताव किसके स्तर से भेजा गया है। बताया गया कि ऐसा कोई प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार की ओर से नहीं भेजा गया है।
विभागीय सचिव सेमवाल ने पुरातत्व विभाग के अफसरों ने पूछा कि फिर इस तरह की खबरें क्यों प्रकाशित करवाई जा रही है। सचिव ने कहा कि इस तरह की खबरों से जनमानस में गलत संदेश जाता है।