दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी पर आरोप लगाया है कि आप आईएएस यूनियन के फतवे का समर्थन कर रहे हैं। आपकी चिट्ठी से 'बाग़ी' अफ़सरों को बढ़ावा मिल रहा है। आपका पत्र मंत्रियों को बैठकों का बहिष्कार कर रहे, फोन, व्हाट्सअप पर भी मंत्रियों का जवाब न दे रहे अफसरों को एक तरह से अभयदान है। अब आप एलजी हैं, आईएएस के चश्मे से देखना बंद करें और उस बच्चे की नज़र से देखिए जो रोज़ आंगनबाड़ी जाता है, क्या यह उन पांच लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है?
बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री आवास पर मारपीट के बाद से अफ़सर दिल्ली सरकार से नाराज़ हैं। मंगलवार को एलजी अनिल बैजल ने सीएम केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर खुद अफसरों से बातचीत करने को कहा था। एलजी ने लिखा था कि इस पूरे घटनाक्रम से अफसरों का मनोबल गिरा है। मुख्य सचिव के साथ मारपीट की घटना से देश भर में सरकारी कर्मचारियों के सभी वर्ग स्तब्ध हैं और इससे पूरी नौकरशाही पर हतोत्साहित करने वाला असर पड़ा है।
Delhi Dy CM @msisodia writes to @LtGovDelhi on Delhi Govt Officials defying service rules & promoting anti Government stance publicly. pic.twitter.com/xWof4YsmRM
— AAP (@AamAadmiParty) February 28, 2018
इसके जवाब में डिप्टी सीएम सिसोदिया ने लिखा है, 'दो दिन पहले कुछ अफसरों का मीटिंग में आने के आदेश देने का अनुरोध किया था लेकिन जिस पर आपने कल मुख्यमंत्री को ही नसीहत भरी चिट्ठी भेज दी। लगता है कि आप ही आईएएस यूनियन के फतवों का समर्थन कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि तीन महीने से आंगनबाड़ी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है और आपके चहेते अफ़सर उनका वेतन रोक कर बैठे हैं, क्या इससे आपके अफ़सरों का मनोबल नहीं गिरता है? आप अपनी समझ के अनुसार धर्म निभाते हैं और एलजी के तौर पर जनहित के कामों को लटकाने वाले अफसरों का मनोबल बढ़ाइए। इस धर्मयुद्ध का अंजाम तो समय ही तय करेगा।
मनीष सिसोदिया ने पत्र में कहा है कि इन्हें काम करने को कहने पर आप हमें ही नसीहत देते हैं। अगर इन्हें हेराफेरी करने दूं तो सब काम होने लगेगा, लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगा, मैं इनसे लड़ूंगा। आप तय कर लें कि आपको किसके साथ खड़े होना है। एक आईएएस अफसर आपके पास आकर दावा करें कि मंत्री ने उसे डांटा तो आप उसके तमाम निकम्मेपन के बाद आंसू पोंछते हैं और मंत्रियों की बैठक में नहीं जाने पर हौंसला देते हैं। सिसोदिया ने एलजी से कहा, राजनिवासों और सचिवालयों में बैठी व्यवस्था कासच समझने की कोशिश करिए सर। मेरी लड़ाई व्यवस्था से है किसी आईएएस से नहीं। आपसे एक अर्ज है कि अबकी बार जब आईएएस यूनियन के लोग आपके पास आएं तो इनसे पूछिएगा कि आंगनवाड़ी से जुड़े 30 हजार परिवारों का वेतन रोकने के बाद खुद के आईऩे के सामने कैसे खड़े कर पाते हैं। मैं पूछूंगा तो यह आंसू बहाने लगेंगे।