दिल्ली सरकार ने अपने 2025-26 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 6,874 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसका उद्देश्य कल्याण केंद्रों का विस्तार करके और महत्वपूर्ण देखभाल सेवाओं को बढ़ाकर स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
मंगलवार को बजट की घोषणा करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने तथा आधुनिकीकरण, उन्नत प्राथमिक देखभाल और सुव्यवस्थित मेडिकल रिकॉर्ड के माध्यम से प्रणाली में सुधार लाने पर सरकार के फोकस पर जोर दिया।
पिछले वर्ष की तुलना में 31.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए गुप्ता ने कहा कि सरकार सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बजट में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए "आयुष्मान आरोग्य मंदिर" के साथ-साथ 400 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों की स्थापना के लिए 320 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है।
गुप्ता ने आयुष्मान डिजिटल मिशन के लिए 10 करोड़ रुपये के आवंटन की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य रिकॉर्डों का आधुनिकीकरण करना और बेहतर रोगी प्रबंधन के लिए एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल डेटा प्रणाली बनाना है।
पिछले वर्ष, तत्कालीन वित्त मंत्री आतिशी के नेतृत्व वाली आप सरकार ने 2024-25 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 8,685 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
पिछले प्रशासन के प्रदर्शन की आलोचना करते हुए गुप्ता ने दावा किया कि यह बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में विफल रहा। उन्होंने कहा, "पिछली सरकार ने 24 परियोजनाएं शुरू कीं जो बेकार साबित हुईं। हमारा लक्ष्य दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाना और सभी के लिए इसे अधिक सुलभ बनाना है।"
मुख्यमंत्री ने 10 से 13 नए अस्पतालों के निर्माण में तेजी लाने की योजना की भी घोषणा की, जिसके लिए विशेष रूप से 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गुप्ता ने कहा, "हम दिल्ली के सभी लोगों के लिए एक मजबूत, आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) पर पार्टी की जीत के बाद, यह 26 वर्षों में दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा प्रस्तुत पहला बजट है।