परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया, एक प्रवर्तन योजना तैयार की गई है जिसके तहत शहर को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 11 क्षेत्रों में बांटा गया है। हर क्षेत्र में 10 उपक्षेत्र होंगे। हर उपक्षेत्र में एक सचल प्रवर्तन दल काम करेगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली परिवहन विभाग की प्रवर्तन शाखा के 588 अधिकारी इस योजना के दौरान विभिन्न दलों में बांटकर तैनात किए जाएंगे। सचल दल से आने वाले मामलों पर गौर करने के लिए 20 सदस्यीय विशेष कार्यबल बनाया गया है। राय ने बताया कि प्रवर्तन टीमों के पास दस सूत्री चार्ट हैं जिसमें आईएसबीटी, रेलवे स्टेशनों, स्वास्थ्य संस्थानों, बड़े चौराहों, आईजीआई हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्र एवं भीड़भाड़ वाले भवन शामिल हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस के 2000 अधिकारी सड़कों पर रोजाना तैनात किए जाएंगे। यातायात विभाग ने शहर में 200 ऐसे चौराहों की पहचान की है जहां उनके कर्मी टीमों में तैनात किए जाएंगे। राय ने कहा कि सरकार इस योजना के दौरान स्कूल के बाद बच्चों को लाने जा रही कार की समस्या का हल ढूंढ नहीं पाई है। जिन कारों में स्कूली वर्दी में बच्चे जा रहे हैं, उन्हें सम विषम से छूट है। लेकिन अभिभावकों ने उन्हें स्कूल से वापस लाने जा रही कारों को लेकर आशंका प्रकट की है। सरकार द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए राय ने कहा कि जब स्कूल से बच्चों को लाने की बात आती है तो देखा गया कि 85 फीसदी महिलाएं ही ड्राइवर होती हैं जिन्हें इस योजना के तहत छूट प्राप्त है। बाकी लोग कार पुलिंग कर सकते हैं। ऐसी कारों के लिए सीएनजी स्टीकर या प्रमाणन जैसी व्यवस्था के बारे में राय ने कहा कि ऐसे काम की निगरानी फिलहाल संभव नहीं है।