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बाजारों के लिए अलग से फंड देगी दिल्ली सरकारः केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार दिल्ली के बाजारों के विकास और रखरखाव के लिए अलग से फंड...
बाजारों के लिए अलग से  फंड देगी दिल्ली सरकारः केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार दिल्ली के बाजारों के विकास और रखरखाव के लिए अलग से फंड देगी। साथ ही जीएसटी की समस्याओं के निदान के लिए व्यापारियों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।

दिल्ली सरकार की ओर से व्यापारियों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा कि व्यापार और उद्योग बढाना सरकार की प्राथमिकता है। अगर यह फले फूलेगा तो ही नौकरिया मिलेंगी और देश का जीडीपी बढ़ेगा, तभी सरकार भी चलेगी। सरकार ने व्यापारियों के लिए तीन साल में हर संभव कदम उठाए हैं। जब दिल्ली में वैट था तो आते ही दो सालों में बिना किसी लॉबिंग के कई चीजों पर 12 से पांच फीसदी वैट किया गया। अब जीएसटी से तकलीफ हो रही है जिसे दूर करना होगा। केंद्र सरकार भी धीरे-धीरे समझने लगी है कि जीएसटी कम करना होगा। दूसरे वो मुद्दे है जिसमें दिल्ली सरकार कर सकती है, वो मुद्दे व्यापारी ही बताएंगे और सरकार इन पर तत्काल कदम उठाएगी लेकिन कुछ मुद्दो केंद्र या जीएसटी परिषद को हल करने हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दिल्ली के व्यापारियों को सरकार का हिस्सा बना रही है और इसीलिए दिल्ली के हर बाजार में जीएसटी सपोर्ट कमेटियों का गठन किया जा रहा है , जनतंत्र को जीवंत करने का यह एक उदाहरण है। दिल्ली के व्यापारियों की सरकार में सीधी भागीदारी हो रही है , इन कमेटियों के माध्यम से हर मार्केट की समस्याऐं सरकार के सामने आएंगी और उसके हिसाब से दिल्ली सरकार बाजारों में विकास के काम करायेगी , इसके लिए अलग से मार्केट  डवलपमेंट फंड एलोकेट किया जाएगा ।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी में कुछ सिन आइटमों को छोड़कर  28 फीसदी टैक्स स्लैब पूरी तरह से खत्म होना चाहिए। इतना ज्यादा टैक्स स्लैब होने का मतलब है हम टैक्स चोरी के साथ इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा दे रहे हैं। परिषद की आखिरी बैठक में भी कुछ चीजों को 28 फीसदी स्लैब में छोड़ दिया गया जबकि सभी चीजों पर 18 फीसदी स्लैब करने की बात कही गई थी।  साथ ही  आजीएसटी 0के कारण करीब 92 हजार करोड़ रुपये ब्लाक पड़े है, इसलिए  आईजीएसटी को भी हटाना चाहिए । आखिर यह पैसा किसके पास है। व्यापारियों की जेब से इसे निकलवा लिया गया। तीन चार माह से देश का एक लाख करोड़ रुपये एस्प्रो खाते में डालकर फ्रिज में डाल दिया जाएगा तो देश की अर्थव्यवस्था तो प्रभावित होगी ही। आप ट्रेड विंग के संयोजक  बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि आज तक  किसी भी सरकार ने बाजारों में विकास कार्यों के लिए अलग से फंड नहीं दिया और दिल्ली सरकार के इस कदम से दिल्ली के बाजारों की हालत सुधरेगी । इस दौरान दिल्ली के अलग-अलग बाजारों के लगभग 800 व्यापारियों ने हिस्सा लिया।

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