आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार हर महीने एक पखवाड़े के दौरान इस योजना को लागू करने पर विचार कर रही है। केजरीवाल ने कहा, क्योंकि मजबूत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के बिना इसे स्थायी नहीं किया जा सकता। सम-विषम प्रणाली जो राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर से 15 अप्रैल से लागू होगा उसमें पहले चरण की तुलना में एकमात्र बड़ा बदलाव यह है कि स्कूल यूनिफर्म में बच्चों को ले जा रही कार को इससे छूट रहेगी। केजरीवाल ने बताया, वीआईपी, सीएनजी कारों, महिलाओं द्वारा चलाई जा रही कारों, आपात चिकित्सा स्थिति एवं विकलांग लोगों को ले जा रही कारों को इस नियम से छूट मिलेगी।
केजरीवाल ने इस बात को स्वीकार किया कि स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चों को ले जाने वाली कारों को छूट के दायरे में रखना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि ऐसे सभी वाहन बच्चों को स्कूल से वापस लाने के लिए खड़े नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, इस मामले में दो चीजें हो सकती हैं। पहले मामले में एक वाहन बच्चे को स्कूल में छोड़ता है, वहीं खड़ा रहता है और बच्चे को वापस लेकर लौटता है। लेकिन ऐसे भी मामले हो सकते हैं कि एक तरफ से कार में बच्चा मौजूद नहीं हो। ऐसे में थोड़ी परेशानी हो सकती है। केजरीवाल ने अभिभावकों से कार पूल करने का विकल्प ढूंढने या अपने बच्चों को पड़ोसियों के साथ समायोजित करने का सुझाव दिया। केजरीवाल ने कहा कि उन लोगों को अधिक परेशानी नहीं होगी क्योंकि इस नियम को दूसरे चरण में लागू किए जाने के दौरान एक पखवाड़े में केवल नौ कार्य दिवस होंगे। उन्होंने कहा, हम लोगों ने इस बारे में सोचा है। लेकिन मुख्यत: महिलाएं ही हैं जो स्कूल के बाद बच्चों को लेने जाती हैं जिन्हें किसी भी तरह छूट मिलनी है। एक व्यक्ति को चार-पांच दिन से अधिक असुविधा नहीं होगी।
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने अतिरिक्त भीड़ की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर ली है क्योंकि सम-विषम योजना के लागू होने पर यात्री सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का रूख करते हैं। राय ने कहा, मेट्रो अपने फेरे बढ़ाकर प्रतिदिन 3,248 करेगा एवं 30 अतिरिक्त कोच लगाएगा। मेट्रो स्टेशनों पर अधिक सुरक्षा एवं टिकट काउंटर होंगे।