आज शुक्रवार दोपहर देश की दो प्रमुख उच्च न्यायालय परिसरों, बंबई और दिल्ली, में बम धमकी भरे ईमेल से अफरा-तफरी मच गई। दोनों जगह एहतियातन सुनवाई स्थगित कर दी गई और पूरे परिसर को खाली कराकर तलाशी अभियान चलाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक ईमेल पते पर धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें भवन में बम विस्फोट की चेतावनी दी गई थी।
सूचना मिलते ही पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और सभी न्यायाधीशों, वकीलों, कर्मचारियों और आगंतुकों को एहतियातन बाहर निकाल लिया गया। मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत बम निरोधक दस्ते (बीडीडीएस) और श्वान दस्ते की मदद से व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया।
उसी दिन दोपहर, दिल्ली उच्च न्यायालय को भी ईमेल के ज़रिए बम धमकी मिली, जिसके बाद वहां भी हड़कंप मच गया।
धमकी भरे ईमेल की विषय पंक्ति थी— “पवित्र शुक्रवार के विस्फोटों के लिए पाकिस्तान-तमिलनाडु की मिलीभगत” — और इसमें दावा किया गया था कि न्यायाधीश कक्ष/अदालत परिसर में तीन बम लगाए गए हैं तथा दोपहर 2 बजे तक अदालत परिसर खाली कर देना चाहिए।"
ईमेल कथित रूप से "[email protected]" आईडी से भेजा गया था।
पत्र में विवादास्पद दावे करते हुए लिखा था कि 2017 से इसकी तैयारी चल रही है और दोपहर की इस्लामी नमाज़ के तुरंत बाद न्यायाधीश कक्ष में विस्फोट होगा। जैसे ही यह ईमेल मिला, दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई। सभी बेंचें तुरंत उठ खड़ी हुईं और वकीलों, मुक़दमों और कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया गया।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटनास्थल पर बम निरोधक दस्ते को तैनात कर दिया गया है। जांच एजेंसियों का कहना है कि हाल ही में शहर के अन्य प्रतिष्ठानों, स्कूलों, कॉलेजों, यहां तक कि 9 सितंबर को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) और दिल्ली मुख्यमंत्री सचिवालय को भी इसी तरह की धमकियां मिली थीं, जो बाद में फर्जी पाई गईं।
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल बंबई और दिल्ली दोनों उच्च न्यायालय परिसरों में तलाशी अभियान जारी है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। पुलिस साइबर विशेषज्ञों की मदद से ईमेल के स्रोत का पता लगाने में जुटी है।