केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता की समस्या बनी रही। सुबह करीब 8 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 452 दर्ज किया गया, जो इसे गंभीर श्रेणी में रखता है।
यह रविवार को देखी गई प्रवृत्ति को जारी रखता है, जब दोपहर लगभग 4 बजे एक्यूआई 461 था।
शहर के बड़े हिस्से में ज़हरीले धुएं की घनी परत छाई हुई थी, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई और निवासियों को असुविधा हुई। आनंद विहार घने धुएं की चपेट में था, जहां एक्यूआई 409 था, जो इसे 'गंभीर' श्रेणी में रखता है। धुएं की घनी परत ने कर्तव्य पथ, अक्षरधाम, एम्स और यशोभूमि के आसपास के क्षेत्रों को भी घेर लिया।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी के कई इलाकों, जिनमें आया नगर (406), चांदनी चौक (437), आरके पुरम (477) और द्वारका सेक्टर 8 (462) शामिल हैं, में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। वज़ीरपुर में भी वायु गुणवत्ता खराब रही, जहां एक्यूआई 500 था।
एक्यूआई वर्गीकरण के अनुसार, 0-50 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और 401-500 'गंभीर' है।
इससे पहले, एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 12 दिसंबर को सड़क निरीक्षण अभियान के लिए 19 टीमें तैनात की थीं।
यह अभियान आयोग द्वारा मौजूदा जीआरएपी के वैधानिक ढांचे और प्रावधानों के तहत चल रही निगरानी और प्रवर्तन के हिस्से के रूप में चलाया गया था। विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले दिल्ली भर के कुल 136 सड़क खंडों का निरीक्षण किया गया।
संकलित अंतिम आंकड़ों के अनुसार, 15 सड़क खंडों पर धूल का स्तर उच्च पाया गया, 38 पर मध्यम धूल, 61 पर कम धूल की तीव्रता और 22 पर धूल न के बराबर थी। 55 सड़क खंडों पर नगरपालिका अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) और 53 सड़क खंडों पर निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट जमा पाया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि 6 सड़क खंडों पर एमएसडब्ल्यू/बायोमास जलाने के साक्ष्य मिले हैं।
उपरोक्त अवलोकन प्रभावित सड़कों के रखरखाव में कमियों और बार-बार होने वाली लापरवाही को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इससे यह बात सामने आती है कि कृषि एवं कृषि विभाग को परिचालन दक्षता बढ़ाने और धूल नियंत्रण के लिए नियमित और समयबद्ध उपायों के माध्यम से त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
यह भी बताया गया कि एजेंसी को सभी सड़क खंडों पर ठोस अपशिष्ट/बायोमास जलाने के नियमों का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
आयोग ने पाया कि इस प्रकार की घटनाओं से दिल्ली में धूल कणों का स्तर प्रभावित होता है और नियमित मशीनी सफाई, एकत्रित धूल का समय पर निपटान, सड़क के किनारों और केंद्रीय किनारों के रखरखाव के साथ-साथ जल छिड़काव/धूल-नियंत्रण प्रणालियों की तैनाती और डीडीए द्वारा अनुरक्षित सभी क्षेत्रों में खुले में आग जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए लक्षित कार्रवाई सहित जमीनी स्तर पर मजबूत कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।