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सोनभद्र हत्याकांडः डीएम, एसपी हटाए, कुल 15 अफसरों पर कार्रवाई, एसआइटी जांच करेगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोनभद्र जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।...
सोनभद्र हत्याकांडः डीएम, एसपी हटाए, कुल 15 अफसरों पर कार्रवाई, एसआइटी जांच करेगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोनभद्र जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। सरकार ने कुल आठ राजपत्रित और सात अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। सरकार ने हत्या कांड की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) गठित करने का भी ऐलान किया है। पिछले महीने एक जमीन विवाद में हुई हिंसा में दस आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी। एक जांच के बाद राज्य सरकार ने जिले के दोनों शीर्ष अधिकारियों को हटाने का फैसला किया है।

राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस करके जानकारी दी कि सोनभद्र जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। सरकार ने कुल 15 अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। योगी ने कहा कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। यह जांच एसआइटी करेगी।

हत्या कांड में हुई थी दस आदिवासियों की हत्या
मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) की एक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एक जमीन जमीनी विवाद में ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों द्वारा फायरिंग किए जाने के कारण 10 आदिवासियों की मौत हो गई थी औ 28 लोग घायल हो गए थे।

अब तक पुलिस ने 51 आरोपियों को गिरफ्तार किया
सोनभद्र कांड पर कार्रवाई करते हुए पिछले दिनों पुलिस ने तीन और आरोपितों को गिरफ्तार किया था। अब तक इस मामले में कुल 51 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, आरोपियों की निशानदेही पर अब तक कुल 19 ट्रैक्टर और दो असलहा भी बरामद हो चुके हैं। घोरावल के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन को लेकर हुए विवाद में चली गोली में 10 आदिवासियों की मौत हो गई थी तथा 21 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने 28 नामजद और 50 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरा था
जमीनी विवाद पर हिंसा भड़कने के बाद राजनीति भी तेज हो गई थी। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था बिगड़ने के लिए दोषी ठहराया। हत्या कांड के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने पीड़तों से मिलने का प्रयास किया तो उन्हें प्रशासन ने रोक दिया था। बाद में प्रियंका की पीड़ितों से मुलाकात करवाई गई।

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