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'सड़कों पर नमाज न पढ़ें', ईद-उल-फितर से पहले लखनऊ ईदगाह इमाम की अपील

लखनऊ ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ईद-उल-फितर के अवसर पर...
'सड़कों पर नमाज न पढ़ें', ईद-उल-फितर से पहले लखनऊ ईदगाह इमाम की अपील

लखनऊ ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ईद-उल-फितर के अवसर पर ईदगाहों और मस्जिदों में ही नमाज अदा करने की अपील की है, सड़कों पर नहीं।

इमाम ने लोगों से देश की सुरक्षा और फिलिस्तीन में स्थायी शांति तथा शांति की स्थापना के लिए प्रार्थना करने का भी आग्रह किया।

एएनआई से बात करते हुए मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, "ईद-उल-फितर का चांद 30 मार्च को देखा जाएगा और अगर चांद देखा जाता है, तो ईद 31 मार्च को मनाई जाएगी। इस संबंध में, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें हमने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे जल्द से जल्द ईदगाहों और मस्जिदों में पहुंचें और सड़कों पर नमाज अदा न करें और ईदगाह के अंदर ही नमाज अदा करें। नमाज के बाद, फिलिस्तीन देश में स्थायी शांति और शांति की स्थापना सहित हमारे देश की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें।"

इससे पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने आगामी ईद और रामनवमी त्योहारों के संबंध में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित कर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

विज्ञप्ति के अनुसार, डीजीपी ने कहा कि ईद-उल-फितर और रामनवमी के त्यौहारों के अवसर पर जिले को सेक्टर और जोन में विभाजित किया जाना चाहिए, तथा प्रत्येक सेक्टर और जोन में मजिस्ट्रेट और समकक्ष पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए। अत्यधिक संवेदनशील स्थानों पर पुलिस पिकेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट और राजपत्रित अधिकारियों के साथ पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक उपकरणों के साथ छतों पर ड्यूटी लगाई जानी चाहिए और कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार स्थानीय भाषा के हैंडसेट उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उचित पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी हॉटस्पॉट की पहचान की जानी चाहिए।

बाजारों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पैदल गश्त की जानी चाहिए। बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) और खोजी कुत्तों द्वारा नियमित रूप से तोड़फोड़ विरोधी जांच की जानी चाहिए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाजारों में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि ईद-उल-फितर की नमाज के दौरान ईदगाहों और मस्जिदों के पास सड़कों पर किसी भी जानवर को घूमने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

संवेदनशील मार्गों/स्थानों पर यूपी-112 वाहन तैनात किए जाएं तथा अन्य पुलिस गश्ती वाहन राजपत्रित अधिकारियों की देखरेख में चिन्हित हॉटस्पॉट/संवेदनशील क्षेत्रों में प्रभावी गश्त/जांच करें।

मिश्रित एवं संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाना चाहिए। जुलूस मार्गों पर, विशेषकर जंक्शन बिंदुओं पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाना चाहिए तथा जहां भी आवश्यक हो, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।

विज्ञप्ति के अनुसार, डीजीपी ने निर्देश दिए कि उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों की पहचान कर उन पर लगातार नजर रखी जाए और आवश्यकतानुसार उनके खिलाफ निवारक कार्रवाई की जाए। पोस्टर पार्टियों और सुबह की चेकिंग टीमों को सक्रिय किया जाए और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के बारे में उचित जानकारी दी जाए। पोस्टर पार्टियों को नियमित रूप से सुबह के समय तैनात किया जाना चाहिए।

विज्ञप्ति में इस बात पर जोर दिया गया कि छोटी से छोटी सूचना को भी अत्यंत गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा उचित कानूनी कार्रवाई तुरंत की जानी चाहिए।

जिला खुफिया तंत्र को सक्रिय रखा जाना चाहिए। जिले के सभी कर्मियों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए और सभी राजपत्रित अधिकारियों, पुलिस स्टेशन/चौकी कर्मचारियों और बीट स्तर के कर्मियों को सतर्क और सक्रिय बनाया जाना चाहिए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार 24x7 निगरानी रखी जानी चाहिए और कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि झूठी और भ्रामक सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए।

चैत्र नवरात्रि को ध्यान में रखते हुए अयोध्या, मिर्जापुर, बलरामपुर, वाराणसी आदि महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, उच्च स्तरीय व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य द्वारों पर प्रवेश नियंत्रण एवं तोड़फोड़ निरोधक जांच की व्यवस्था की जाए।

विज्ञप्ति के अनुसार, निर्देश दिए गए कि रामनवमी के अवसर पर रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, बाजारों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों, कार्यक्रम स्थलों, मनोरंजन केन्द्रों आदि पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए। साथ ही सभी संबंधित अभ्यासों का पहले से पूर्वाभ्यास किया जाना चाहिए।

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