समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पैनल ने शुक्रवार को देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दस्तावेज सौंपा। यह मसौदा सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपा था।
यूसीसी राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इसके लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। यह पुर्तगाली शासन के दिनों से ही गोवा में चालू है।
यूसीसी पर कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र पहले ही 5-8 फरवरी तक बुलाया जा चुका है। विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश करने से पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मसौदे पर चर्चा की जाएगी।
यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए मई, 2022 में पैनल का गठन किया गया था। शुरुआत में छह महीने के लिए गठित, इसकी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए इसे चार बार विस्तार दिया गया था। इसे 2.33 लाख लिखित सुझाव प्राप्त हुए और मसौदा तैयार करने के दौरान 60 बैठकें हुईं जिनमें सदस्यों ने लगभग 60,000 लोगों से बातचीत की।
यूसीसी पर एक कानून पारित होने से 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के लोगों से भाजपा द्वारा किया गया एक बड़ा वादा पूरा हो जाएगा, जिसमें भगवा पार्टी लगातार दूसरी बार भारी जीत के साथ सत्ता में आई थी - 2000 में अस्तित्व में आए राज्य में किसी भी राजनीतिक दल ने पहली बार यह उपलब्धि हासिल की।