विधानसभा चुनाव से गुजरने जा रहे पंजाब के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हाल ही में एक बैठक में चुनाव आयोग ने यह मामला उठाया था। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घोषणा-पत्र जारी किए जाने के बाद उसे जमा कराना अनिवार्य है। चूंकि आम आदमी पार्टी घोषणा-पत्र जारी करने वाली पहली पार्टी है, अतएव हमने उसे हर घोषणा-पत्र की दो प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा है। पिछले सप्ताह आप ने पंजाब में दलित घोषणा-पत्र जारी किया था, राज्य में 25 प्रतिशत से अधिक दलित आबादी है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा भी की थी कि राज्य का उपमुख्यमंत्री दलित होगा। पार्टी दलितों के अलावा अब तक किसानों, व्यापारियों और युवाओं के लिए घोषणा-पत्र जारी कर चुकी है।
चुनाव आयोग ने ‘आप’ से घोषणा-पत्र जमा कराने को कहा
चुनाव आयोग (ईसी) ने आम आदमी पार्टी (आप) से पंजाब के लिए जारी उसके घोषणा-पत्रों को जमा करने को कहा है, क्योंकि यह राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्य है। इन घोषणा-पत्रों में दलितों और किसानों पर पार्टी द्वारा जारी घोषणाएं शामिल हैं।
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