रेलवे टेंडर घोटाले से जुड़े बेनामी संपित्त मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 45 करोड़ रुपए की कीमत की वह जमीन जब्त कर ली है जिस पर पटना में मॉल बनाया जाना था। यह जमीन लालू के परिजनों के नाम से है।
रेलवे टेंडर घोटाला उस वक्त का मामला है जब लालू यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। उन पर गलत तरीके से टेंडर देने और उसके बदले अपने परिवार को फायदा पहुंचाने का आरोप है। जुलाई में ईडी ने इस मामले में लालू और उनके परिजनों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया थ्ाा। उससे पहले सीबीअाइ ने लालू और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया थ्ाा।
जांच एजेंसी के मुताबिक लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे को दो होटलों के रखरखाव के लिए एक प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया गया और इसके एवज में कंपनी ने पूर्वी पटना में तीन एकड़ जमीन बेहद कम कीमत पर 'डिलाइट मार्केटिंग' को दिया। डिलाइट मार्केटिंग ने बाद में इसे 'लारा प्रोजेक्ट्स' को स्थानांतरित कर दिया, जिसके मालिक लालू के परिवार के सदस्य हैं।
इससे पूर्व आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति मामले में लालू प्रसाद यादव के परिवार के छह सदस्यों पर बेनामी एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। बेनामी संपत्ति मामले में ईडी ने कुर्की का आदेश पहली बार दिया है। लालू के बेटे तेजस्वी और पत्नी राबड़ी देवी से ईडी ने इस मामले में अलग-अलग पूछताछ की थी। गौरतलब हो कि ईडी द्वारा बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी राबड़ी देवी उपस्थित नहीं हो रही थीं। आखिरकार बीते सप्ताह ईडी की टीम ने पटना में आकर उनसे पूछताछ की थी।