बता दें कि एनसीपी नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें 23 फरवरी को दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने “मोहम्मद नवाब मोहम्मद इस्लाम मलिक उर्फ नवाब मलिक, उनके परिवार के सदस्यों, सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और मलिक इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्तियों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क करने का एक अस्थायी आदेश जारी किया है।”
संपत्तियों में मुंबई के उपनगरीय कुर्ला (पश्चिम) में गोवावाला परिसर और एक वाणिज्यिक इकाई, महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित 147.79 एकड़ कृषि भूमि, कुर्ला (पश्चिम) में तीन फ्लैट और बांद्रा (पश्चिम) में दो आवासीय फ्लैट शामिल हैं।
Enforcement Directorate (ED) today provisionally attached properties belonging to Maharastra Minister Nawab Malik under the Prevention of Money Laundering Act, 2002. pic.twitter.com/G4lKl7KtDq
— ANI (@ANI) April 13, 2022
नवाब मलिक को जो फरवरी के महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। तब अदालत में जिरह के दौरान ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया था। ईडी ने तब अदालत में कहा था कि नवाब मलिक अंडरवर्ल्ड के लोगों से तालुकात रखते हैं और उनके साथ हवाला जैसी अवैध गतिविधियों में भी शामिल हैं। ईडी ने कहा था कि नवाब मलिक टेरर फंडिंग जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं और इस मामले की आगे की जांच होना जरूरी है। तभी उनके और अंडरवर्ल्ड के कनेक्शन का पर्दाफाश हो सकेगा।
इससे ही संबंधित घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें उन्होंने धन शोधन मामले में उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया है। ईडी ने मलिक को फरवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया था।