Advertisement

एक दीवानगी ऐसी भी: सीने पर धोनी का टैटू बनाए रायपुर के आदेश पहुंचे रांची, 'भगवान' के दर्शन के लिए 52 दिनों से डाले हैं पड़ाव

क्रिकेट के बादशाह महेंद्र सिंह धोनी के फैंस की कमी नहीं, एक से बढ़कर एक। पिछले माह ही धोनी से मिलने 1400...
एक दीवानगी ऐसी भी: सीने पर धोनी का टैटू बनाए रायपुर के आदेश पहुंचे रांची, 'भगवान' के दर्शन के लिए 52 दिनों से डाले हैं पड़ाव

क्रिकेट के बादशाह महेंद्र सिंह धोनी के फैंस की कमी नहीं, एक से बढ़कर एक। पिछले माह ही धोनी से मिलने 1400 किलोमीटर पैदल चलकर हरियाणा के जालनखेड़ी से अजय गिल रांची पहुंचे थे। धोनी बाहर थे, मुलाकात नहीं हुई। अब रायपुर के आदेश सोनी पहुंचे हैं। अपने भगवान के दर्शन के लिए। आदेश ऑनलाइन मोटिवेशनल क्‍लास चलाते हैं। मगर उनके लिए उनके सबसे बड़े मोटिवेटर धोनी ही हैं। रांची पहुंचे आदेश की जिद कि मिले बिना नहीं जायेंगे। बस मुलाकात के लिए पिछले 52 दिनों से होटल के एक छोटे से कमरे में टिके हैं। रांची आने पर पता चला कि धोनी शहर में नहीं हैं। उदास हुए मगर तय किया कि मुलाकात किये बिना नहीं जायेंगे। इंतजार कब तक सवाल पर आदेश वायर वीडियो में कह रहे हैं कि यह तो धोनी पर निर्भर करता है, मेरा कमिटमेंटमेंट पक्‍का है। घर से मैंने निकलते समय खुद से वादा किया है। कह रहे हैं कि वह कह रहे हैं कि सीने पर धोनी का टैटू है। दिल चीर कर देखेंगे तो वहां भी मेरे भगवान धोनी की तस्‍वीर दिखेगी। सन्‍नी शरद से बातचीत में आदेश ने कहा कि उनकी शादी हो चुकी है। पत्‍नी का नाम लक्‍की है। बेटा भी है जब वे धेनी से मुलाकात के लिए रांची आ गये तो पत्‍नी ने चार दि तक बात नहीं की। ऐसा पहलीबार हुआ।

दीवानगी की वहज

धोनी के प्रति अपनी दीवानगी को लेकर आदेश कहते हैं कि दीवानगी के बहुत सारे कारण हैं, उनकी निस्‍वार्थ भावना, लीडरशिप स्किल, उनकी मानसिकता, पहले देश फिर शेष। वे हमेशा देश के लिए खेले अपने लिये नहीं। जो देशभक्ति उनमें देखा तो पता नहीं चला कब मैं उनका फैन बन गया और इतना बड़ा फैन बन गया कि मेरे लाइफ के एकलौते भगवान हैं। भगवान कठिन समय में लड़ने की शक्ति देते हैं, प्रेरणा देते हैं, पॉजिटिविटी देते हैं, सारी चीजें सिखाते हैं, वही ये सिखाते हैं। मैं गुस्‍सैल हुआ करता था, इनकी प्रेरणा के बाद मुझमें इतना बदलाव आया मैं तनाव प्रबंधन की ट्रेनिंग देता हूं। यह संयम मुझमें आया तो धोनी सर के कारण आया।

मैंने धोनी की सोच और अनुशासन को फॉलो किया

यह टैटू मेरी दीवानगी का बहुत छोटा सा अंश है। मैं हनुमानजी की तरह सीना चीर कर दिखा सकता तो दिखा देता कि मेरे अंदर भी एमएसडी हैं। मैंने सिर्फ उनके क्रिकेट को फॉलो नहीं किया उनकी स्‍टाइल को फॉलो नहीं किया। उनकी सोच को फॉलो किया है, उनके अनुशासन को जीवन में अपनाया है। उनके लाइफ पर रिसर्च कर रहा हूं। रांची में उन लोगों से मिला जहां वे गुपचुप, चने खाते थे। उनके आसपास बहुत से क्रिकेटर थे जो उनके लेबल के थे पर धोनी ही क्‍यों आगे बढ़े, रहस्‍य पता चला। वो यह कि फंडामेंटल एजेंडा परसेप्‍शन बिल्‍कुल क्लियर था कि मुझे क्‍या नहीं करना है। क्‍या करना है वह अक्‍सर हम जानते हैं। वे न भटके न गलत आदतें आने दीं। क्‍या नहीं करना है यह मैंने अपने जीवन में उतार लिया है, रांची में मेरी यह लर्निंग रही।

खुद का करोड़ों का कारोबार ...

रांची आकर मीडिया को एप्रोच नहीं करने को लेकर वे कहते हैं कि इसकी जरूरत नहीं समझा। मुझे यकीन सबसे बड़ा सीसीटीवी कैमरा ऊपर वाले का है। जिस दिन वो देख लेगा उस दिन जहां पहुंचना है पहुंच जाउंगा। अपने काम के बारे में बताया कि उलझनों को सुलझाने का काम करते हैं। कोई रिश्‍तों को लेकर कोई लक्ष्‍य को लेकर भटक गया है तो, उसे सुल्‍झाने का काम करते हैं। धोनी ने जैसे पैशन के लिए क्रिकेट को छोड़ा। मेरा भी करोड़ों का टर्न ओवर था। इंवेंट कंपनी थी। चंडीगढ़, हैदराबाद, जोधपुर, वाइजैग, कटक, पुरी, जयपुर हर जगह इवेंट किया। सोनू निगम, कैलाश खेर, उर्वशी राव तेला के साथ स्‍टेज शेयर किया। मैंने दो साल पहले बिजनेस छोड़ा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad