किसी भी देश की उन्नति और प्रगति में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। जिस देश की जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा युवाओं का हो उसे, विकास के पथ पर दौड़ने और तरक्की के नए आयाम छूने से नहीं रोका जा सकता। हम सौभाग्यशाली है कि हमारे देश के पास प्रतिभावान युवाओं की ताकत है। लेकिन, हम गौरान्वित हैं क्योंकि हमारे पास स्वामी विवेकानंद का साहस, शक्ति, संवेदनशीलता और सुविचारों से ओतप्रोत जीवन पथ भी है, जिस पर हमारे देश के युवाओं को चलकर विकास की नई इबारत लिखनी है। 12 जनवरी को करोड़ो युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती है और इनको सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिल सके इसलिए, राष्ट्रीय युवा दिवस पूरे भारत में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद उन विरले महानतम प्रतिभाशाली व्यक्तियों में से हैं जिनके आचार,विचार और व्यवहार को अपनाकर देश का युवा किसी भी सफलता को प्राप्त कर सकता है।
भारत सर्वाधिक ‘यूथ पावर’ के साथ तेजी से आर्थिक क्षमताओं को बढ़ाने वाला देश है। किसी भी देश को सशक्त और आर्थिक मजबूती के लिए उसके पास युवाओं की आबादी ज्यादा होना भर पर्याप्त नहीं हैं, देश का विकास और प्रगति इस बात पर भी निर्भर करती है कि वहां की सरकारें युवाओं के लिए कितनी संवेदनशील हैं? योजनाएं बनाने और उनके क्रियान्वयन में कितनी तत्पर हैं?
देश की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रगति के नए पथ खोले हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान केन्द्र एवं राज्य सरकार की युवा लक्षी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए संकल्पित हैं, इसके लिए कई साहसिक कदम उठाए जा रहे हैं; प्रदेश में अब 12 जनवरी यानि स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के साथ “रोजगार दिवस” मनाने का मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का निर्णय अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में मील का पत्थर साबित होगा।
“रोजगार दिवस”: आत्मनिर्भर बनेंगे प्रदेश के युवा
प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को राज्य सरकार की रोजगार-स्वरोजगार योजनाओं का लाभ मिले, इस हेतु से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना “रोजगार दिवस” का शुभारंभ कर 12 जनवरी से हर माह प्रदेश भर में रोजगार मेलों का आयोजन शुरू करने का युवाहितकारी निर्णय लिया है। योजनांतर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित ‘रोजगार मेलों’ में लगभग 3 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान कर आर्थिक संबंल दिया जा रहा है। साथी ही युवाओं को राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं की शत-प्रतिशत जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी के अलावा, निजी क्षेत्रों में नौकरी, व्यवसायिक प्रशिक्षण, स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।
युवाओं की समस्याएं, प्रदेश सरकार का समाधान –
देश और प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। आज युवा देश और प्रदेश की तस्वीर बदलने का साहस और क्षमता रखते हैं लेकिन उनके सामने में कई तरह की चुनौतियां हैं। वर्तमान समय में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई परिस्थितियों का असर रोजगार पर भी दिखाई दिया जिसके कारण कई युवाओं के रोजगार और व्यवसाय संचालन में प्रतिकूलताओं का सामना करना पड़ा। कई युवा जागरूकता के अभाव में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप व्यवसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण और नित नई बदलती टेक्नोलॉजी के ज्ञान जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से वंचित होने के कारण सम्मानजनक रोजगार प्राप्त नहीं कर पाते। विविध मजबूरियों के चलते शिक्षण पूर्ण न करने वाले अथवा कम शिक्षित युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में कभी-कभी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकारों की सामूहिक जवाबदेही युवाओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनके लिए आपदाओं के सामने अवसर और समस्याओं के सामने समाधान देने की होती है।
राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं के लिए कोरोना से निर्मित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, युवा रोजगार लक्षी योजनाओं का विस्तारीकरण किया है साथ ही पहले से और अधिक लाभार्थीओं को सम्मिलित करने के उद्देश्य से योजनाओं को सरल,पारदर्शी और प्रभावी बनाया है। राज्य में युवाओं के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है जिसमें हर महीने करीब 3 लाख लोगों लाभान्वित हो रहे हैं इसके साथ ही राज्य सरकार ने नए साल में 1 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान का स्पष्ट मानना है कि रोजगार मतबल सिर्फ सरकारी नौकरियां नहीं है बल्कि युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ना,निजी क्षेत्र में कुशल युवाओं को नौकरियों से जोड़ना भी रोजगार है।
राज्य के साथ ही केन्द्र सरकार की युवालक्षी योजनाओं का प्रदेश में क्रियान्वयन कराने में भी मध्यप्रदेश की सरकार सक्रियता और सजगता से कार्य कर रही है। केन्द्र की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना हो, प्रधानमंत्री युवा रोजगार योजना हो या एमएसएमई के अंतर्गत बिजनेस के लिए मिलना वाला लोन हो, सभी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ प्रदेश के युवाओं को मिले इस बात को शिवराज सरकार ने सुनिश्चित किया है। एमएसएमई के अंतर्गत मार्च 2023 तक प्रदेश के लगभग 6 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की कार्य योजना बनाई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों और राज्य के युवाओं की भागीदारी से ही मध्यप्रदेश देश का ‘कौशल प्रदेश’ बनकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना अहम योगदान प्रदान कर रहा है।