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किसान आंदोलनः 22 घंटे की परेड, सीमाओं पर सवा लाख से ज्यादा ट्रैक्टर अटे

कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं पर होने वाली ट्रैक्टर परेड में किसान जहां एक ओर...
किसान आंदोलनः 22 घंटे की परेड,  सीमाओं पर सवा लाख से ज्यादा ट्रैक्टर अटे

कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को दिल्ली की सीमाओं पर होने वाली ट्रैक्टर परेड में किसान जहां एक ओर विश्व रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं वहीं करीब 100 किलोमीटर की 22 से 24 घंटे में पूरी होने वाली इस परेड में करीब सवा लाख ट्रैक्टर दिल्ली सीमाओं पर अटे हैं। परेड में किसानों द्वारा करीब 25 करोड़ रुपए का डीजल फूंके जाने का अनुमान किसान संगठनों ने लगाया है।  किसानों का दावा कि परेड में शामिल होने वाले सवा लाख ट्रैक्टरों के शामिल होने से पंजाब व हरियाणा के प्रेट्रोल पंपों पर डीजल की खपत 20 फीसदी तक बढ़ गई है। ट्रैक्टरों में डीजल का खर्च उठाने के लिए किसानों ने अपने गांवों से आपस में ही एक किसान से 500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से चंदा जुटाया है। पंजाब के मानसा और बठिंडा में कुछ पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा दिल्ली कूच करने वाले किसानों के लिए ट्रैक्टर की टंकियां मुफ्त डीजल से भरी जा रही हैं।  पंजाब की ओर से कुंडली बॉर्डर पर एनएच-44 से होकर पंजाबी, अम्बाला, करनाल, पानीपत के ट्रैक्टर आ रहे हैं। वहीं जींद, कैथल, फतेहाबाद के की तरफ के भी काफी ट्रैक्टर गोहाना रोड, सोनीपत होकर पहुंच रहे हैं। वहीं, पटियाला, नरवाना, जींद, रोहतक के ट्रैक्टर टिकरी बॉर्डर ज्यादा संख्या पहुंच रहे हैं। हिसार व सिरसा के किसान भी यहीं पहुंचे हैं।

सोमवार दोपहर तक कुंडली बॉर्डर के करीब 15 किलोमीटर के दायरे में बहालगढ़ तक ट्रैक्टरों की भीड़ हाईवे व आसपास की खाली जगह में लग चुकी है। गणतंत्र दिवस पर पहली बार ट्रैक्टरों की इतनी बड़ी विशाल परेड को लेकर उत्साहित संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि ट्रैक्टर परेड बहुत ही अनुशासित होगी और किसी को भी कानून व्यवस्था तोड़ने की इजाजत नहीं है। परेड के साथ आन्नंदपुर साहिब से आए निहिंग सिख  करीब दो हजार घोड़ों पर शामिल होंगे। देश की आजादी के लिए बलिदान हुए शहीदों की शहादत को नमन करते हुए किसानों द्वारा तैयार की गई रंगारंग झाकिंया परेड का विशेष आकर्षण होंगी। इनमें भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव,उद्यम सिंह के अलावा सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित झांकियां तैयार की गई हैं। सिख गुरुओं की शहादत को दर्शाती झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी। तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के पिछले चार महीने से चल रहे आंदोलन और इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों को भी झांकियों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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