मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने संवाददाताओं को बताया कि घायलों के पुनर्वास, संपत्ति के नुकसान के मुआवजे और घायलों के उपचार पर आने वाले खर्च के लिए मदद मांगी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आग में घायल हुए कई लोग अपनी बाकी जिंदगी में कोई काम करने में सक्षम नहीं होंगे। इस आग के कारण मंदिर के अंदर और आसपास कई मकान भी नष्ट हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों- अदूर प्रकाश, वी एस शिवकुमार और शिबु बेबी जॉन की तीन सदस्यीय उप समिति ने घटनास्थल का दौरा किया है और नुकसान का जायजा लिया है। सरकार ने समिति द्वारा जमा कराई गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद केंद्र से मदद मांगने का फैसला किया। यह दुर्घटना पिछले रविवार को तड़के साढ़े तीन बजे मंदिर में चल रही आतिशबाजी के दौरान हुई थी। हजारों लोग इस आतिशबाजी को देखने के लिए जुटे थे।
आतिशबाजी के दौरान कुछ चिंगारियां पटाखों से भरे गोदाम में जा गिरी थीं। इसके बाद विस्फोट हो गए और आग फैल गई। इस आग ने मंदिर परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं को अपनी चपेट में ले लिया। तिरूवनंतपुरम और कोल्लम के अस्पतालों में अब भी 300 से ज्यादा घायलों का इलाज चल रहा है।