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गुरुग्राम में यूट्यूबर एल्विश यादव के घर पर गोलीबारी, 2 दर्जन से ज्यादा राउंड फायर कर भागे बदमाश

आज रविवार सुबह गुरुग्राम के सेक्टर 57 में एल्विश यादव के घर के बाहर अज्ञात लोगों ने गोलीबारी की। पुलिस...
गुरुग्राम में यूट्यूबर एल्विश यादव के घर पर गोलीबारी, 2 दर्जन से ज्यादा राउंड फायर कर भागे बदमाश

आज रविवार सुबह गुरुग्राम के सेक्टर 57 में एल्विश यादव के घर के बाहर अज्ञात लोगों ने गोलीबारी की। पुलिस के अनुसार, एल्विश यादव के घर के बाहर एक दर्जन से ज़्यादा राउंड गोलियां चलाई गईं। अभिनेता अपने घर पर मौजूद नहीं थे।

गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ संदीप कुमार ने कहा, "तीन नकाबपोश बदमाशों ने यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी विजेता एल्विश यादव के गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित आवास के बाहर गोलीबारी की। घटना सुबह करीब 5:30 बजे हुई। एक दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग की गई। गोलीबारी के समय एल्विश यादव अपने आवास पर नहीं थे।"

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने रेव पार्टी मामले में एल्विश यादव के खिलाफ कानूनी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जहां कथित तौर पर सांप के जहर और अन्य अवैध दवाओं की आपूर्ति और सेवन किया गया था।

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर यादव की याचिका पर उनका जवाब मांगा है।

यादव ने अपने खिलाफ दायर आरोपपत्र और मामले में जारी समन को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इससे पहले मई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि आरोपों की गहन कानूनी जांच जरूरी है, क्योंकि मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं।

शीर्ष अदालत ने यादव के खिलाफ कानूनी कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया और मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।

संदर्भ के लिए, एल्विश यादव पर पुलिस स्टेशन सेक्टर-49, नोएडा, जिला गौतम बुद्ध नगर में दर्ज एफआईआर में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39, 48ए, 49, 50 और 51 और आईपीसी की धारा 284, 289 और 120बी और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8, 22, 29, 30 और 32 के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

गौतम बुद्ध नगर के प्रथम अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा भी समन आदेश जारी किया गया है।

यादव ने आरोपपत्र और कार्यवाही को इस आधार पर चुनौती दी कि सूचना देने वाला व्यक्ति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सक्षम व्यक्ति नहीं है। यह दलील दी गई है कि आवेदक के पास से कोई साँप, मादक या मन:प्रभावी पदार्थ बरामद नहीं किया गया है। 

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