पाटिल मुंह के कैंसर से पीड़ित थे और पिछले लंबे समय से मुंबई के लीलावती अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले के समय भी पाटिल ही राज्य के गृहमंत्र थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्टवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आर. आर. पाटिल के निधन पर गहरा शोक जताया है और कहा है कि इससे महाराष्ट की राजनीति में एक खालीपन आ गया है। मोदी ने ट्वीट के जरिये अपने शोक संदेश में कहा, मेरी संवेदनाएं श्री आर. आर. पाटिल के परिजनों के साथ हैं। उनके निधन की खबर से मुझे दुख हुआ, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक खालीपन आ गया है।
पाटिल छह बार सांगली जिले के तासगांव से विधायक रहे। उनके परिवार में मां, पत्नी और दो बेटियां हैं। अपनी स्वच्छ छवि और आसान पहुंच के कारण लोकप्रिय रहे पाटिल राकांपा के शीर्ष नेताओं में शुमार किए जाते थे और पार्टी प्रमुख शरद पवार के बेहद करीबी थे। दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर एक बजे उनके गांव अंजनी में किया जाएगा।
पाटिल पहली बार 1990 में विधानसभा के लिए चुने गए थे और वर्ष 1999 में कांग्रेस-राकांपा सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाए गए थे। वर्ष 2003 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के तेलगी घोटाले में संलिप्तता के आरोपों में इस्तीफा देने के बाद उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्हें 2004 में उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
26/11 हमले के बाद उनकी टिप्पणियों के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने कहा था कि बड़े शहरों में छोटी घटनाएं होती रहती हैं, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया था। राज्य में 2009 के चुनावों में कांग्रेस/राकांपा गठबंधन के सत्ता में दूसरी बार बने रहने के बाद उन्हें गृह मंत्री बनाया गया।