राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने राज्य के विश्वविद्यालयों में विशेष निर्देश के अलावा खुद की सुविधाओं और सम्मान को लेकर भी दो खास निर्देश दिए हैं। सिंह ने गर्वनर को दिए जाने वाले 'गार्ड ऑफ ऑनर' को बंद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस परम्परा को तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा है।
इससे पहले राज्यपाल कल्याण सिंह खुद के नाम के आगे 'महामहिम' लिखे और बोले जाने पर भी रोक लगा चुके हैं। राज्यपाल कल्याण सिंह राजस्थान की जनता में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। कुलाधिपति के अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को तलब कर सख्ती बरतने के लिए भी कल्याण सिंह मशहूर हो चुके हैं।
गाउन बंद किया और हर साल दीक्षांत समारोह शुरू करवाए
इसके साथ ही, राज्यपाल कल्याण सिंह ने राजस्थान के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रतिवर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन शुरू करने का काम भी किया है। राजस्थान विश्वविद्यालय जैसी यूनिवर्सिटीज में बीते 22 साल से दीक्षांत समारोह नहीं हुए थे। राज्यपाल कल्याण सिंह ने 2015 में दीक्षांत समारोह करवाया और हर वर्ष समय पर दीक्षांत समारोह करने के निर्देश भी दिए, जिसके बाद राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रतिवर्ष दीक्षांत समारोह आयोजित होने लगे।
राजस्थान विश्वविद्यालय में इस प्रक्रिया के तहत 22 वर्ष से लंबित पड़ी 25 लाख डिग्रिंया बांटी जा चुकी हैं। इसके साथ ही दीक्षांत समारोह में पहने जाने वाले गाउन पर भी राज्यपाल ने रोक लगा दी है। राज्यपाल ने इसको अंग्रेजी गुलामी का प्रतीक बताते हुए बंद कर दिया। अब डिग्री लेने वाले छात्र-छात्राएं राजस्थानी लिबास और साड़ी पहनकर ही दीक्षांत समारोह में शामिल होते हैं। प्रतिवर्ष दीक्षांत समारोह आयोजित कराने का नियम अब पिछले दिनों केंद्र सरकार ने भी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए बनाया है।