बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान बच्चों को बचाने के लिए पूरी शिद्दत से लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि गुरुवार की रात लगभग 2 बजे कफील खान को अस्पताल से फोन आया कि ऑक्सीजन खत्म होने को है। यह सुनते ही वे हड़बड़ा गए और अपने ड्राइवर को जगाया। उस समय अस्पताल में इन्सेफेलाइटिस से पीड़ित लगभग 400 बच्चे भर्ती थे।
पत्रकार आवेश तिवारी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “डॉ महिमा मित्तल के पति को स्वाइन फ्लू हुआ है। डॉ कफील अहमद के कपड़े पसीने से भीगे हुए हैं सिर्फ ये दो नही कई डॉक्टर पिछले 48 घंटों से नही सोये। मौत की उस रात में इन सबने अपने अपने एटीएम से रात में पैसे निकाले और जिससे जहें से हो सका उस दिशा में दौड़ गया और अपनी कार में आक्सीजन सिलेंडर भर कर ले आया। डॉ महिमा तो लगभग पागल सी हो गई है एक तरफ पति दूसरी तरफ ढेर सारे बच्चे। डॉ कफील कहते हैं हमने जो किया बच्चों के लिए किया। आप सब भी सुनो आज आपको अगर कोई डॉक्टर मिले तो उसके हाथों को चूम लेना।”
एनडीटीवी के मुताबिक, डॉक्टर कफील खान के ड्राइवर सूरज पांडे का कहना है कि इन दिनों डॉक्टर साहब सुबह 8-9 बजे अस्पताल पहुंच जाते हैं और रात 12 बजे से पहले घर नहीं लौट पाते हैं। बच्चों की मौत की रात को डॉक्टर कफील खान करीब ऑक्सीजन पहुंचाकर 3 बजे अस्पताल से लौटे थे।
डॉक्टर कफील इन्सेफेलाइटिस रोग के विशेषज्ञ हैं। लोगों के मुताबिक यदि कफील खान घर जाने के लिए गाड़ी में बैठ भी जाएं और किसी मरीज का परिजन उनके सामने आ जाए तो वे वहीं रुक जाते हैं। इसीलिए लोग सोशल मीडिया पर भी कफील खान को अपना हीरो बता रहे हैं।
ट्विटर पर परवेज नाम के एक यूजर ने लिखा, “ऐसे डॉक्टर दुनिया के भगवान होते है ।।। आई सैल्यूट डॉक्टर कफील अहमद साहब।”
ऐसे डॉक्टर दुनिया के भगवान होते है ।।। ई सलूट डॉक्टर कफील अहमद साहब ।।।। https://t.co/FjNkryL4I2
— parvez siddiqui (@parvezsiddiqui6) 12 August 2017
वहीं अजीत यादव ने ट्वीट किया, “लालकिले की प्राचीर से गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की तारीफ बनती है।”
लालकिले की प्राचीर से गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की तारीफ बनती है @PMOIndia @narendramodi
— Ajeet Yadav (@me_ajeet) 13 August 2017