एनआईए की एक विशेष अदालत ने आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) से संबंध रखने के दोषी पाए गए दो भाइयों को दस साल की सजा सुनाई है।
गुजरात के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने अपने आईएसआईएस आकाओं के निर्देश पर राज्य में आतंक फैलाने की साजिश रचने के आरोप में वसीम रामोदिया और उसके छोटे भाई नईम को क्रमशः राजकोट और भावनगर से फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया था। यह मामला मई 2017 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया गया था।
मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश एस.के. बख्शी ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया और उन्हें दस साल की सजा सुनाई।
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और 122 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियार इकट्ठा करना) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत दोषी पाया।
मामले की प्राथमिकी के अनुसार, दोनों भाई एक वर्ष से अधिक समय से निगरानी में थे। प्राथमिकी में दावा किया गया है कि दोनों भाई गुजरात में हमलों को अंजाम देने की फिराक में थे और इसके बाद वे सीरिया भागने की योजना बना रहे थे।
 
                                                 
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    