वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राजस्थान की भाजपा सरकार ने गुर्जरों सहित पांच जातियों को आरक्षण दिया है। राज्य के वरिष्ठ मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने गुरुवार को गुर्जर, बंजारा, गड़िया लोहार, रैका, गड़रिया को आरक्षण देने का फैसला किया। इन जातियों का ओबीसी स्टेटस बरकरार रखते हुए पचास फीसदी सीमा के भीतर ही आरक्षण दिया गया है। राठौड़ ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
इस फैसले से गुर्जर सहित अन्य जातियां अब शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में इसका लाभ उठा सकेंगे। पिछले साल राजस्थान हाई कोर्ट ने गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था, क्योंकि इससे आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक हो गई थी। इसी साल अक्टूबर में सरकार ने एक बिल पास किया था जिसमें अन्य पिछड़ी जातियों का कोटा 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया था। लेकिन, हाई कोर्ट ने राज्य का कुल आरक्षण कोटा 54 प्रतिशत होने के कारण इस बिल पर रोक लगा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।
इससे पहले वसुंधरा सरकार गुर्जर आरक्षण मुद्दे के समाधान के लिए तीन बार कोशिश कर चुकी थी। लेकिन कोर्ट ने अलग-अलग आधार पर तीनों बार सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। ताजा फैसला गुर्जरों की आंदोलन की चेतावनी के बाद किया गया है। राज्य में नए साल में विधानसभा चुनाव होने हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी यह फॉर्मूला अपनाया था। हालांकि वह गुर्जरों को संतुष्ट नहीं कर पाई थी।