हिमाचल प्रदेश के जनजातीय और छह महीने से बर्फ से ढके रहने वाले जिला लाहुल स्पिति के काजा खंड में कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण में 100 फीसदी लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। विश्व के सबसे ऊंचे कौमिक गांव में 45 साल से ऊपर के 100 फीसदी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया गया। स्पीति घाटी में साठ वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को पहली और दूसरी दोनों डोज दी जा चुकी हैं। 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों को अभी पहली डोज ही दी गई है। जल्द ही उन्हें दूसरी डोज दी जाएगी।
18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग को पहली डोज लगाए जाने को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। कुछ दिनों में उनका भी टीकाकरण किया जाएगा। इस गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम में कुलवंत सिंह, आशा वर्कर पदमा ने टीकाकरण किया है।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ज्ञान सागर नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि स्पिति बर्फबारी के कारण कई महीनों तक अन्य हिस्सों से कटा रहता है। यहां पर गांव तक बर्फबारी में पहुंचने में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है और तापमान माईनस 30 से 40 डिग्री। वैक्सीन को लेकर हमारे सामने काफी चुनौतियां थी। 8 जनवरी को जब अभियान शुरू किया तो हमें इस बात का अंदाजा नहीं था कि अपने लक्ष्य को 100 फीसदी हासिल कर पाएंगे। गांव गांव जाकर लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक किया उनके भ्रांतियों को दूर किया।
इसके बाद फ्रंट लाइन वॉरियरर्स ने जब वैक्सीन लगा ली तो लोगों को जागरूक करने में काफी सफलता मिली। स्वास्थ्य विभाग की टीम के प्रयासों के कारण 45 से 59 वर्ष और 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग को 100 प्रतिशत वैक्सीन लगाई जा चुकी है। मैं स्वास्थ्य विभाग की टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने ये लक्ष्य हासिल कर लिया है। आगे आने वाले कुछ दिनों में 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी।