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हिमाचल प्रदेशः भाकपा (मार्क्सवादी) ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, कहा- किसान विरोधी है कृषि कानून

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की हिमाचल इकाई व अन्य किसान  संगठनों ने भी केंद्र  की मोदी...
हिमाचल प्रदेशः भाकपा (मार्क्सवादी) ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, कहा- किसान विरोधी है कृषि कानून

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की हिमाचल इकाई व अन्य किसान  संगठनों ने भी केंद्र  की मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए देश के किसानों के द्वारा  चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया है और पुरजोर  मांग कि सरकार इन किसान विरोधी कृषि कानूनों व बिजली विधेयक,2020 को तुरन्त वापिस ले।

पार्टी के सजय चौहान ने कहा कि पार्टी किसान संघर्ष समिति व अन्य संगठनों के द्वारा 8 दिसम्बर के भारत बंद के आह्वान का समर्थन करती है तथा समस्त मजदूर व अन्य वर्गों जिसमें व्यापारी, कारोबारी, दुकानदार, उद्योग धंधे से जुड़े ट्रांसपोर्ट व अन्य सभी से आग्रह करती है कि बीजेपी की मोदी सरकार की देश की कृषि व खाद्य सुरक्षा को बर्बाद करने वाले इन कानूनों को निरस्त करने के लिए इस भारत बंद में भागीदारी कर इसको सफल बनाए।

चौहान ने कहा की वर्ष 2014 से जबसे केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में एन डी ए की मोदी सरकार आई हैं तबसे देश में नवउदारवादी नितियों को और तेजी से लागू किया जा रहा है। देश के संसाधनों जिसमें जल, जंगल, जमीन व सार्वजनिक क्षेत्र जिनमें रेल, बैंक, बीमा, हवाई अड्डे, बिजली, तेल कंपनियां, रक्षा व कोयला क्षेत्र आदि को कॉरपोरेट घरानों व बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के हवाले करने का काम और तेजी से किया जा रहा है।

इससे सरकार केवल चहेते पूंजीपतियों जिनमें अदानी अम्बानी मुख्यतःहै को लाभ पहुंचा रही है और देश में पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों का शोषण को बढ़ावा दे रही है। इन नीतियों के कारण देश मे व्यापक बेरोजगारी फैल रही है और देश की अर्थव्यवस्था चौपट होने की कगार पर ला दी है।

सरकार किसान के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए हर प्रकार के ओछे हथकंडे अपना रही है और आर एस एस व बीजेपी द्वारा संचालित आई टी सेल व अन्य माध्यमों  के द्वारा किसानों को खालिस्तानी व आतंकवादी साबित करने का कार्य किया जा रहा है। आम जन से अपील की जाती है कि आर एस एस व बीजेपी की इस प्रकार की घिनौनी हरकतों का पर्दाफाश करें और देश मे खेत, खेती व खाद्य सुरक्षा के लिए किसानों के

इस शांतिपूर्ण आंदोलन का सहयोग करें तथा 8 दिसम्बर के भारत बंद में भागीदारी कर इसे सफल बनाए और केंद्र सरकार को इन देश के आमजन व किसान विरोधी कृषि कानूनों व बिजली विधेयक, 2020 को निरस्त करने के लिए बाध्य करें।

उधर संयुक्त किसान संघ के नेता और आल इंडिया किसान सभा के नेता डॉ कुलदीप तंवर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में किसानों के समर्थन में लगातार सभी जिलों में प्रदर्शन चल रहे हैं जिनके कारण प्रदेश में कृषि कानूनों को वापिस लेने का दवाब बना है।

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