दो अधिकारियों को निलंबित करने के दिल्ली सरकार के फैसले को अमान्य करार देते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि इस आदेश का अस्तित्व ही नहीं है। दोनों अधिकारियों को ड्यूटी पर माना जाना चाहिए। गृह मंत्रालय इस संबंध में एक औपचारिक आदेश जारी कर रहा है जिसमें अरविंद केजरीवाल सरकार के निलंबन आदेश को निरस्त करार दिया जाएगा।
दानिक्स कैडर के दो अधिकारियों के निलंबन के विरोध में आज दिल्ली के नौकरशाह सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। आप सरकार ने कैबिनेट फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने पर गृह विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया था जिसके एक बाद एकजुटता दिखाते हुए दानिक्स कैडर के करीब 200 अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए और 70 आईएएस अधिकारियों ने आधे दिन का अवकाश लिया है।
विशेष सचिव (अभियोजन) यशपाल गर्ग और सुभाष चंद्रा ने लोक अभियोजकों के वेतन में वृद्धि से जुड़े कैबिनेट के फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई। गौरतलब है कि दानिक्स के अधिकारी भी केंद्रीय सेवाओं के तहत आते हैं दिल्ली के उपराज्यपाल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ दानिक्स कैडर के अधिकारियों को निलंबित कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कि गर्ग और चंद्रा के सार्वजनिक अभियोजकों के वेतन में वृद्धि से जुड़े कैबिनेट के फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद यह कार्रवाई की गई। दिल्ली में अधिकारियों के सामूहिक अवकाश पर जाने से सम-विषम योजना की तैयारियां भी प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि दानिक्स अधिकारी दिल्ली में एसडीएम, मंत्री के सचिव और विशेष सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल रहे हैं।
दानिक्स अधिकारी संघ के एक प्रतिनिधि ने कहा, दिल्ली सरकार के पास किसी भी दानिक्स अधिकारी के निलंबन का अधिकार नहीं है और वह केवल दानिक्स अधिकारी के निलंबन की सिफारिश कर सकती है, उपराज्यपाल गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ उसे निलंबित कर सकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि अधिकरी संघ के साथ कोई आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है। अगर वे अवकाश पर जाना चाहते हैं तो वे एेसा कर सकते हैं।
- एजेंसी इनपुट