वर्षों से नशे की गिरफ्त में छटपटा रहे पंजाब में अब हुक्का बार नहीं चल पाएंगे। प्रदेश में तंबाकू के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने संबंधी एक विधेयक बीते मार्च माह में ही पंजाब विधानसभा ने पारित किया था। उसके बाद मंजूरी के लिए भ्ाेजा गया यह विधेयक राष्ट्रपति के पास विचाराधीन था। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद राज्य के हुक्का बार पर स्थायी रूप से रोक लग गई है।
पंजाब बना हुक्का बार बंद करने वाला तीसरा राज्य
इसी के साथ गुजरात और महाराष्ट्र के बाद पंजाब अब हुक्का बार और लाउंज पर पाबंदी लगाने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन पर रोक तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण का विनियमन) (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 को हाल ही में मंजूरी दी है। यह विधेयक पंजाब विधानसभा ने मार्च में पारित किया था।
...ताकि रोकी जा सकें तंबाकू से होने वाली बीमारियां
पीटीआइ (भाषा) से मिली जानकारी के मुताबिक, यह कानून लाने का लक्ष्य विभिन्न रूपों में तंबाकू के उपयोग पर अंकुश लगाना तथा तंबाकू उत्पादों के सेवन से उत्पन्न बीमारियों पर रोकथाम करना है।
एक अधिकारी ने कहा कि पंजाब में बारों में मादक पदार्थों के इस्तेमाल की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। गौरतलब है कि करीब ढाई दशक से तंबाकू और अनेक तरह के नशे की चपेट में आकर पंजाब की युवा पीढ़ी नष्ट हो रही थी। समाज और सरकार के लिए यह भारी चिंता का विषय बन गया था। इसी चिंता के मद्देनजर कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्ववाली कांग्रेस सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में हुक्का-बंदी संबंधी बिल पेश किया था।
पंजाब विधानसभा में यह विधेयक पेश करने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा था कि पंजाब में हुक्का-शीशा धूम्रपान की नई प्रवृत्ति चल पड़ी है और दिनों-दिन यह कुप्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है।
ये बार रेस्तरांओं, होटलों, क्लबों में खुल रहे हैं। यहां तक कि शादियों में भी हुक्के पेश किए जा रहे हैं। मोहिंद्रा ने कहा था, ‘‘हुक्का में सबसे हानिकारक अवयव निकोटिन है, जिसे कार्सिनोजेनिक (कैंसरकारी) के रूप में जाना जाता है।’’