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विवेक तिवारी मर्डर पर बोलीं मायावती, यूपी में कानून-व्यवस्था ध्वस्त

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों पुलिसकर्मी द्वारा एप्पल कंपनी एरिया सेल्स मैनेजर विवेक...
विवेक तिवारी मर्डर पर बोलीं मायावती, यूपी में कानून-व्यवस्था ध्वस्त

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों पुलिसकर्मी द्वारा एप्पल कंपनी एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी हत्या मामले में सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और सरकार मामले पर लीपापोती कर रही है। मायावती ने कहा, 'अगर मैं सीएम होती तो पहले पुलिसवालों पर कार्रवाई करती, उसके बाद पीड़ित परिवार वालों से मिलती। न कि जैसा मुख्यमंत्री ने किया।‘

ब्राह्मणों का हो रहा शोषण

मायावती ने कहा, 'देखने को मिला है कि प्रदेश में ब्राह्मणों का शोषण हो रहा है और सरकार केवल लीपापोती कर रही है। प्रदेश में भय का एक माहौल है और सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।' उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। राजधानी का यह हाल है तो प्रदेश का अंदाजा लगाया ही जा सकता है। सरकार अपने मंत्रियों को भेज रही है और केवल आश्वासन दे रही है।'

बिना देरी हो उच्चस्तरीय जांच’

मायावती ने हत्या मामले में जल्द कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा, 'मेरा सरकार से कहना है कि अगर उनका कुछ हाथ नहीं है तो उन्हें बिना देरी किए ही इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवानी चाहिए। जरूरी है कि अफसर से लेकर पुलिसवालों तक सबके खिलाफ कार्रवाई हो।' उन्होंने कहा, 'मैंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा को भी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए कहा और पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाने के निर्देश दिए हैं।'

परिवार चाहे तो मुफ्त पैरवी को तैयार सतीश मिश्र’

बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, 'घटना दुखद है और सतीश मिश्र एक वकील होने के नाते खुद मामले की पैरवी करने को भी तैयार हैं। मैंने उन्हें निर्देश दिए हैं कि परिवार चाहे तो मामले की मुफ्त पैरवी करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए। सरकार को दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन सरकार इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है।'

विवेक के परिजनों से मिले सतीश चंद्र मिश्रा

इस बीच बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने विवेक के परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि विवेक के परिजनों को सरकार की ओर से दिए गए मुआवजे को बढ़ाया जाना चाहिए और यदि एसआईटी जांच सही नहीं हुई तो कोर्ट की मदद ली जा सकती है। सतीश मिश्रा ने कहा, 'हमारी मांग है कि एसआईटी जांच रिटायर्ड जज की निगरानी में हो। पीड़ित परिवार सदमे में है इसलिए उसे हर संभव मदद मिलनी चाहिए।'

पीड़ित परिवार से मिले सीएम योगी

आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना और भाई से मुलाकात की। दोनों ने परिवार की आर्थिक स्थिति और घर नहीं होने का भी हवाला दिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें हर प्रकार की सुरक्षा और सहयोग करने का आश्वासन दिया।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने रविवार शाम को विवेक तिवारी के परिजनों से मुलाकात की थी और उनकी मुख्यमंत्री से फोन पर बात कराई थी। इसके बाद तय हुआ था कि मुख्यमंत्री का समय मिलते ही मुलाकात कराई जाएगी। डिप्टी सीएम सोमवार सुबह मृतक विवेक तिवारी के परिजनों को अपने साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर ले गए और मुख्यमंत्री से मुलाकात कराई।

परिवार ने की मुआवजा राशि बढ़ाने और नौकरी की मांग

मृतक विवेक की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री से मुआवजा राशि बढ़ाने, अच्छी जगह नौकरी और सुरक्षा की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने पुलिस प्रशासन के द्वारा जिस प्रकार से हत्याकांड में लापरवाही बरती उसको लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ कार्यवाही करने की भी बात कही। केजरीवाल बताया था, 'हिंदू की हत्या'

पुलिस और एसआईटी जांच भी सवालों के घेरे में

मामले में पुलिस और एसआईटी जांच भी सवालों के घेरे में है। रविवार को एसआईटी ने फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल का मुआयना किया और साक्ष्य संकलन किए, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि घटनास्थल से सैकड़ों गाड़ियां गुजरने के 36 घंटे बाद साक्ष्य एसआईटी को मिले। इसके अलावा एसआईटी चीफ आईजी सुजीत कुमार ने रविवार को कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट कब तक आएगी, इस बारें में वह अभी कुछ बता नहीं पाएंगे। कड़ी से कड़ी को जोड़ा जा रहा है।

राजधानी में पहली बार दर्ज हुई एक मामले में दो एफआईआर

विवेक तिवारी हत्याकांड में विवेक की पूर्व सहयोगी सना की ओर से मुकदमा छह लाईन का लिखाया गया था। आरोपियों के नाम नहीं होने और कई बिंदुओं पर सवाल उठने के बाद पुलिस ने रविवार को दूसरी एफआईआर विवेक की पत्नी की ओर से दर्ज की है। मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता आनंद दुबे का कहना है कि एक मामले में दो एफआईआर नहीं हो सकती। पहली एफआईआर में ही विवेचना शामिल की जाएगी।

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