छत्तीसगढ़ के महासमुंद निवासी एक युवा इंजीनियर ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर एक ऐसा रोबोट तैयार किया है, जो कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल में डॉक्टर्स के काम आ सकता है।
यह रोबोट संदिग्ध मरीज के सैंपल ले सकता है, क्वारंटीन वार्ड में जाकर मरीजों का हाल केबिन में बैठे डॉक्टर्स को दिखा सकता है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर इसी रोबोट के जरिए डॉक्टर मरीज से बातचीत भी कर सकते हैं। युवाओं की टीम अब इसे रोबोट को और बेहतर बनाने में और इसका असल हालात में परीक्षण करने की तैयारी की रही है,ताकि मेडिकल टीम की मदद की जा सके।
महासमुंद के गुडरुपारा निवासी योगेश साहू ने बलौदाबाजार निवासी प्रवीण वर्मा और बिलासपुर निवासी ऋषिकेश यादव के साथ मिलकर यह रोबोट तैयार किया है। इसे बनाने में करीब दो महीने का समय लगा। योगेश ने बताया कि हम तीनों भिलाई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में बीई फाइनल (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन) के छात्र हैं। इसी साल हम तीनों ने इस तरह का रोबोट बनाने के बारे में सोचा, जो संकटकाल में भी काम आ सके।
कोरोना वायरस और लॉक डाउन के बाद कॉलेज बंद हुआ तो हम सभी अपने-अपने घर चले आए। महासमुंद जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश परदल का कहना है यह मानव रहित यंत्र कोरोना पीड़ित लोगों की सेवा में लगे डाक्टर और नर्स के लिए काफी कारगर साबित हो सकते हैं।
योगेश ने बताया कि इस रोबोट को बनाने में मेटल शीट, पीवीसी पाइप और लकड़ी का उपयोग किया गया है। रोबोट में ग्यारह मोटर, माइक्रो फोन, स्पीकर और इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड का उपयोग किया गया है। इसकी आंखों में एलईडी लाइट लगाई गई है। यह मोबाइल फोन से कनेक्ट हो सकता है। चाहें तो हम इसमें कैमरा भी लगा सकते हैं, ताकि इसे कहीं भी भेजा जाए तो हमारे पास पिक्चर्स या वीडियो आते रहे। यही नहीं इसे इंटरनेट से भी जोड़ा जा सकता है और दुनिया में कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है।