वीरभद्र के खिलाफ सीबीआई द्वारा सितंबर में दर्ज एक आपराधिक मामले को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने मनी लॉन्डरिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं। ईडी की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि वीरभद्र और उनके परिवार के सदस्यों ने 2009 और 2011 के बीच ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपए कथित तौर पर कैसे जमा किए। इस अवधि के दौरान वीरभद्र केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। सीबीआई वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बीमा एजेंट आनंद चौहान और चौहान के भाई सीएल चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत पहले ही एक एफआईआर दर्ज कर चुकी है। सीबीआई को संदेह है कि 2009-11 के दौरान वीरभद्र ने कथित तौर पर अपने और अपने परिवार के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एजेंट चौहान के जरिए 6.1 करोड़ रुपए निवेश किया था। उन्होंने इस धनराशि को कृषि आय बताया था। जांच एजेंसी का यह भी आरोप है कि वीरभद्र ने 2012 में नया आयकर रिटर्न दाखिल कर इस धनराशि को कृषि आय के रूप में वैध बनाने की कोशिश की। सीबीआई का आरोप है कि नए आईटीआर में उनके द्वारा बताए गए कृषि आय को उचित नहीं पाया गया।
वीरभद्र सिंह पर कसते शिकंजे के खिलाफ आज शिमला के चौड़ा मैदान में केंद्र सरकार के खिलाफ विशाल जनआंदोलन किया गया। यही नहीं आज ट्विटर पर भी हैशटैग#HimachalAgainstModi टॉप ट्रेंड कर रहा है।
अपने ट्विटर हैंडल शुभम नेगी@negi_shubhamलिखते हैं- हम मोदी सरकार के खिलाफ नहीं हैं लेकिन एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ हैं।
वंशिका@DrVanshika- कृपया हिमाचल प्रदेश की शांति भंग न करें।
यूथ कांग्रेस@IYC- हिमाचल प्रदेश के चहेते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की बेटी की शादी वाले दिन उनकी भावनाओं से खेलने की कोशिश की गई।
तमिलनाडू यूथ कांग्रेस@TN_PYC- मंहगाई की मार-मोदी राज में दालें हो गई 200 से ऊपर।
कुणाल चौधरी@KunalChoudhary-हिमाचल में सब पूछ रहे हैं, खाते में 15 लाख कब आएंगे मोदी जी?
गौरतलब है कि कुछ समय पहले कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिमाचल के हमीरपुर से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर पर 100 करोड़ रुपये के जमीन आबंटन में धांधली का आरोप लगाया था। जयराम ने यह आरोप भी लगाया था कि अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को एक कंपनी के रूप में तबदील कर दिया है।