चंडीगढ़, केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसानों को गुस्सा इस कदर सातवें आसमान पर है कि शनिवार की शाम गुस्साएं किसानों ने अबोहर के भाजपा विधायक अरुण नारंग को सरेआम नंगा कर पीटा। प्रदर्शनकारी किसानों ने उनके कपड़े फाड़ दिए और सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर उन्हें पीटा गया। घायल अवस्था में नारंग को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद से भाजपा नेताओं में कैप्टन सरकार के प्रति भारी रोष है। वहीं, हमले की पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सख़्त निंदा करते हुए कहा कि जो भी कानून अपने हाथों में लेकर राज्य की शान्ति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाएगी। किसानों को ऐसी हिंसक घटनाओं में न पडऩे की अपील करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की गई कि वह ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए कृषि कानूनों के कारण पैदा हुए संकट का जल्द हल करें।
नारंग मलोट में भाजपा कार्यालय में कृषि कानूनों के समर्थन में एक प्रेस कांफ्रेस करने आए थे। किसानों को उनके आने की खबर लगी तो वे मलोट में भाजपा कार्यालय के बाहर जमा हो गए। किसानों को जमा होते देखकर पुलिस विधायक को निकालकर ले जाने लगी, लेकिन किसान उनके पीछे लग गए। पुलिस विधायक को एक दुकान के अंदर ले गई। किसानों ने यह देख लिया और वे उस दुकान के बाहर ही धरने पर बैठ गए। यह देखकर पुलिस ने दुकान अंदर से बंद कर ली। इस बीच किसानों ने विधायक की गाड़ी पर कालिख पोती और तोड़फोड़ भी की। कुछ देर बाद पुलिस नारंग को दुकान से निकालकर ले जाने लगी। किसान भी उनके पीछे दौड़े। यह देखकर विधायक और नेता जान बचाने के लिए तेजी से भागने लगे। पुलिसकर्मियों ने जब उग्र किसानों को रोकने की कोशिश की तो दोनों तरफ से झड़प शुरू हो गई। इस बीच किसानों ने विधायक को पकड़ लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए पीटने लगे और कपड़े फाड़ दिए।
किसी तरह से पुलिसकर्मियों ने विधायक को बचाकर प्राथमिक उपचार के लिए अस्तपाल ले गई। घटना की निंदा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि कैप्टन सरकार राज्य में कानून और व्यवस्था की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी इस घटना पर खेद जताते हुए दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी नारंग पर हमले की निंदा की है।
नारंग से पहले भी भाजपा के नेताओं पर हमले हो चुके हैं। फरवरी में स्थानीय निकाय चुनाव के समय भी प्रचार के लिए भाजपा नेताओं को सार्वजनिक स्थलों पर किसानों के बहिष्कार का सामना करना पड़ा था। प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा पर भी जालंधर में हमला हुआ था और उनकी कार क्षतिग्रस्त कर दी गई थी।