जानकारी के मुताबिक, इंदौर स्वरच्छ भारत की रेस में नंबर वन बन गया है। इसके बाद दूसरे नंबर पर भी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है। तीसरे नंबर पर विशाखापतनम है। नंबर चार पर गुजरात का सूरत शहर है।
पिछली बार टॉप पर रहने वाला मैसूर शहर इस बार पांचवें नंबर पर खिसक गया। छठे नंबर पर तमिलनाडु का तिरुची पिल्लई, सातवें नंबर पर दिल्ली एनडीएमसी पर है। नवी मुंबई आठवां, आंध्र प्रदेश का तिरुपति नौवें और दसवें नंबर पर गुजरात का वडोदरा है।
2014 -2016 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भारत के टॉप-10 शहर:
क्र.सं |
शहर |
434 शहरों/कस्बों में 2017 की रैंकिंग |
72 मिलियन से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की 2016 की रैंकिंग |
476 शहरों/कस्बों में 2014 की रैंकिंग |
1 |
इंदौर |
1 |
25 |
149 |
2 |
भोपाल |
2 |
21 |
105 |
3 |
विशाखापत्तनम |
3 |
5 |
205 |
4 |
सूरत |
4 |
6 |
63 |
5 |
मैसूर |
5 |
1 |
1 |
6 |
तिरुची पिल्लई |
6 |
3 |
2 |
7 |
एनडीएमसी |
7 |
4 |
15 |
8 |
नवी मुंबई |
8 |
12 |
3 |
9 |
तिरुपति |
9 |
सर्वेक्षण नहीं किया गया |
137 |
10 |
वडोदरा |
10 |
13 |
214 |
देशभर में कराए गए सर्वे में शामिल 83 प्रतिशत से अधिक लोगों का माना है कि स्वच्छ भारत अभियान चलाए जाने के बाद से उनका क्षेत्र गत वर्ष की तुलना में अधिक साफ हुआ है। 404 शहरों और कस्बों के 75 प्रतिशत आवासीय क्षेत्र में अधिक स्वच्छता देखी गई। इसके साथ ही 185 शहरों में रेलवे स्टेशन के आसपास का पूरा इलाका स्वच्छ बताया गया है।
गौरतलब है कि गत वर्ष कराए गए सर्वेक्षण के तहत केंद्र सरकार ने 434 शहरों को शामिल किया था। राजधानी को भी सर्वेक्षण का हिस्सा बनाया गया था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिछले एक साल के भीतर देश में सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया, जिसमें कुल 18 लाख नागरिकों ने हिस्सा लिया है। यह सर्वेक्षण देश के शहरों व कस्बों की सफाई को लेकर किया गया है। इससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता बढ़ी है।