फर्जी तरीके से जारी किए गए इस जन्मप्रमाण पत्र के बारे में जब सूचना आयोग को जानकारी हुई तो आयोग ने इन जन्म प्रमाण पत्र को रद्द करने की सिफारिश की है। आउटलुक के पास उपलब्ध दस्तावेज के मुताबिक उत्तरी नगर निगम में फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। जब इस बात की शिकायत हुई तो इसमें पाया गया कुछ प्रमाण पत्र बिना एसडीएम की जानकारी के बनाए गए हैं। जब इसकी पड़ताल की गई तो पाया गया कि 49 जन्म प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी हैं। इस बात की शिकायत सीबीआई में हुई थी और सीबीआई अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान पाया कि उत्तर दिल्ली नगर निगम के उप पंजीयक कार्यालय में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
सूचना के अधिकार के तहत जब इस बारे में जानकारी मांगी गई तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने पूरे मामले की सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि जब किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाएगा तो भ्रष्टाचार और गलत तरीके से काम करने की जमीन तैयार होगी ही। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को जब उत्तरी नगर निगम ने देने में कोताही बरती तब सूचना आयुक्त ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया। आजाद ने पूरे मामले पर जो टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में गड़बड़िया सामने आई हैं और यह बहुत ही चौकाने वाला है। आयुक्त के मुताबिक कथित तौर पर एसडीएम कार्यालय से जारी कागजों पर ही जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए। इनके लिए कोई साफ्ट कॉपी नहीं दी गई। जबकि दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर एसडीएम के सभी आर्डर उपलब्ध हैं।
आजाद ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में किसी भी प्रकार के नियम का पालन नहीं किया गया। फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए नियम भी तोड़े गए। आजाद ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि सूचना के अधिकार को और पारदर्शी बनाने की जरूरत है तभी भ्रष्टाचार कम होगा। जिस तरीके से फर्जी दस्तावेज के जरिए जन्म प्रमाण पत्र बांटे गए हैं वह गंभीर अपराध है।