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यौन शोषण मामले पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच बदलापुर में इंटरनेट सेवा, स्कूल बंद

महाराष्ट्र में ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ व्यापक पैमाने पर...
यौन शोषण मामले पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच बदलापुर में इंटरनेट सेवा, स्कूल बंद

महाराष्ट्र में ठाणे जिले के बदलापुर में दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ व्यापक पैमाने पर प्रदर्शनों के मद्देनजर बुधवार को शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और अधिकतर स्कूल बंद रहे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे स्टेशन और बदलापुर के अन्य हिस्सों में पथराव की घटनाओं में शहर पुलिस के कम से कम 17 कर्मी और करीब आठ रेलवे पुलिसकर्मी घायल हो गए और जांचकर्ताओं ने हिंसा के सिलसिले में 72 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है तथा स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।

बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में चार वर्षीय दो बच्चियों का सफाईकर्मी द्वारा कथित यौन उत्पीड़न किये जाने के बाद हजारों प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया और विद्यालय परिसर में धावा बोल दिया। विरोध प्रदर्शनों के कारण पूरा बदलापुर मानो थम सा गया।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए स्कूल भवन में तोड़फोड़ की। पुलिस ने रेल पटरियों पर मौजूद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सुधाकर पठारे ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विरोध प्रदर्शन और उसके बाद हुई हिंसा के मद्देनजर शहर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शहर में स्थिति की समीक्षा करने के बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।’’ स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार को शहर के अधिकतर स्कूल बंद रहे।

बदलापुर में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘दो बच्चियों के यौन शोषण के खिलाफ मंगलवार को बदलापुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान गुस्साई भीड़ के पथराव में दो अधिकारियों सहित कम से कम 17 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमने निषेधाज्ञा का उल्लंघन, हथियार लेकर गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना, हमला करना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आदि के आरोपों में उपद्रवियों के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।’’ उन्होंने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों का इलाज अलग-अलग स्थानीय अस्पतालों में जारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘पथराव और अन्य अपराधों के सिलसिले में अब तक कुल 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य अपराधियों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। सीसीटीवी फुटेज और समाचारों की ‘वीडियो क्लिप’ देखी जा रही हैं।’’

 

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) आयुक्त रवींद्र शिसवे ने बताया कि बदलापुर रेलवे स्टेशन पर हुई हिंसा के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘पथराव में अधिकारियों समेत सात-आठ रेलवे पुलिसकर्मी घायल हो गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है।’’

पुलिस ने दो बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर 17 अगस्त को एक सहायक को गिरफ्तार किया था। पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, उसने स्कूल के शौचालय में छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया था। इस घटना के मद्देनजर स्कूल प्रबंधन ने प्राचार्य, एक कक्षा अध्यापक और एक सहायिका को निलंबित कर दिया है।

राज्य सरकार ने एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले की जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने का मंगलवार को आदेश दिया।

स्कूली बच्चों के अभिभावक और स्थानीय नागरिक मंगलवार को सुबह स्कूल के बाहर एकत्र हुए और रेलवे स्टेशन पर ‘रेल रोको’ प्रदर्शन भी किया, जिससे सुबह करीब साढ़े आठ बजे लोकल ट्रेन का मार्ग अवरुद्ध हो गया। बाद में, महिलाओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल के मुख्य द्वार, खिड़कियों के शीशे, मेज और दरवाजे तोड़कर स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।

सूत्रों ने बताया कि जिस स्कूल में यह घटना हुई, वह बदलापुर के एक भाजपा नेता के करीबी रिश्तेदार का है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी आरती सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल के गठन का आदेश दिया है, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की तेजी से जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

यौन शोषण मामले में विशेष सरकारी अभियोजक नियुक्त किए गए वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस द्वारा की गई अत्यधिक देरी की निंदा की।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक संवेदनशील मामला है। यह शर्मनाक है कि पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से क्यों नहीं लिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शिकायत को क्यों नजरअंदाज किया, इसकी निश्चित ही जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे मामलों में अगर पुलिस संज्ञान लेने में देरी करती है, तो महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो जाते हैं।’’ विपक्षी दलों ने इस मामले पर राज्य की महायुति सरकार पर निशाना साधा है।

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