सीबीआई ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की मांग को लेकर शनिवार को दिल्ली स्थित सीबीआई कोर्ट का रुख किया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जांच एजेंसी के आवेदन पर यादव को नोटिस जारी कर 28 सितंबर तक जवाब मांगा है। माना जा रहा है कि अगर सीबीआई की याचिका मंजूर हो जाती है तो तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई की विशेष अदालत में लगाई गई अर्जी के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है।
अदालत ने अक्टूबर 2018 में एक निजी फर्म को आईआरसीटीसी के दो होटलों का परिचालन अनुबंध देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में उनके खिलाफ जारी समन के अनुसरण में पेश होने के बाद मंत्री को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने इस नोटिस में तेजस्वी से ये सवाल पूछते हुए जवाब मांगा है कि क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए। मामले में ही दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तेजस्वी के साथ साथ उनकी उनकी मां राबड़ी देवी को जमानत दे दी थी।
सीबीआई आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लगातार जांच कर रही है। केस में सीबीआई ने पहले ही तेजस्वी यादव समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है। हाल ही में लालू प्रसाद यादव के करीबी भोला यादव को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उनके साथ-साथ जमीन देकर रेलवे में नौकरी लेने वाले गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को भी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल से गिरफ्तार किया गया था। घोटाले में लालू परिवार के कई सदस्य आरोपित हैं।