भाजपा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कल एक राजनीतिक फिल्म दिखाए जाने को लेकर विद्यार्थियों के प्रतिद्वंद्वी समूह कैंपस में भिड़ गए। राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने यहां पीटीआई भाषा को बताया, जादवपुर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के बीच अशांति आम बात हो गई है। एक ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग अवैध रूप से रोक दी गई जिसे सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा, माकपा और विश्वविद्यालय की वाम समर्थित छात्र यूनियनें ऐसी सभी चीजों पर रोक लगाती रही हैं जो उनकी विचारधारा के खिलाफ हो। यह इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के पूरी तरह से खिलाफ है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।
इस बीच जादवपुर विश्वविद्यालय में कल से जारी अशांति के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के.एन. त्रिापाठी ने आज कहा कि विश्वविद्यालय अशांति के एक केंद्र के रूप में तब्दील हो रहा है और अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। त्रिपाठी ने पीटीआई भाषा से यह बात कही। त्रिपाठी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से घटना के सिलसिले में रिपोर्ट मांगेंगे, त्रिापाठी ने कहा, हमने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया है।
घोष ने आरोप लगाया, जादवपुर विश्वविद्यालय राष्ट्र-विरोधी ताकतों का गढ़ है। वाम समर्थित विद्यार्थी यूनियनें राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए जमीन तैयार कर रही हैं और यही वजह है कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थन करने का कुलपति पर आरोप लगाते हुए उन्होंने मांग की कि कुलपति की भूमिका की जांच कराई जाए। हम जादवपुर विश्वविद्यालय में चल रही गतिविधियों से केंद्र को अवगत कराएंगे।
उल्लेखनीय है कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित राजनीतिक फिल्म बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम की स्क्रीनिंग को लेकर कल विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के प्रतिद्वंद्वी समूह आपस में भिड़ गए और इस दौरान कथित रूप से कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की गई और भाजपा नेता रूपा गांगुली को परिसर में जाने नहीं दिया गया।