जामा मस्जिद कमेटी के सदर नईम कुरैशी ने बताया मुस्लिम महिलाएं यहां रमजान के महीने के बाद भी नमाज अता कर सकेंगी। हालांकि यह जयपुर में पहली दफा नहीं हो रहा है। इससे पहले भी जयपुर के झोटवाड़ा के रघुनाथपुरी की मस्जिद ‘इशाअत-ऐ-इस्लाम’ में महिलाओं के नमाज के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा भी शहर की कुछ और मस्जिदों में महिलाओं को नमाज अता करने की छूट दी गई थी।
यह तमाम इजाजत सिर्फ रमजान के महीने के लिए ही थी। उस वक्त मस्जिदों में महिलाओं को नमाज की इजाजत देने वालों ने कहा था ‘महिलाओं के पर्दे का ख्याल रखते हुए फैसला इस्लाम की स्टडी करने के बाद लिया गया है।‘ उल्लेखनीय है कि पूरे देश में मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बहस काफी तेज हो रही है। मुस्लिम समुदाय के प्रगतिशील तबके ने इसकी हमेशा वकालत की है जबकि धर्मगुरु इसके खिलाफ खड़े नजर आए। गौरतलब है कि हाल ही में देश की सबसे पुरानी और केरल की तझातंगाड़ी जुमा मस्जिद ने 1,000 साल की परंपरा तोड़कर महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दी थी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    