जम्मू कश्मीर के कुलगाम में पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने को लेकर कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर की पहचान मिट गई है। साथ ही हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच हाईकोर्ट के जज से करवाने की बात भी कही।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, "आमतौर पर, केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य में अपग्रेड किया जाता है। लेकिन जम्मू कश्मीर के मामले में, राज्य को यूटी में डाउनग्रेड कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर को केंद्र के अधीन और दो राज्यों में बांटने से यह डीजीपी को थानेदार, सीएम को विधायक और मुख्य सचिव के पटवारी पद पर पदावनत करने जैसा है। कोई बुद्धिमान व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता।"
उन्होंने कहा कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर से न सिर्फ उसकी पहचान छीन ली, बल्कि देश की सबसे बड़ी रियासत के दो टुकड़े भी कर दिए। अंग्रेज भी इसे तोड़ने की जुर्रत नहीं कर पाए, लेकिन पौने दो सौ साल के अस्तित्व को केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 के फैसले से एक तरह से खत्म कर दिया। आज हम दुनिया को क्या बताएं, हम सबसे बड़ी रियासत से नहीं बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश के रहने वाले हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ केंद्र लगातार अन्याय करता आ रहा हैं। केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य बनाया जाता है लेकिन यहां उल्टा कर दिया गया। अगर कोई केंद्र और उसकी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे जेल भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का दर्जा न मिलने तक कांग्रेस पार्टी संघर्ष करती रहेगी। चाहे इसके लिए जान ही गंवानी पड़े। हम राज्य को बनाने के लिए गोली खाने को भी तैयार हैं।
गुलाम नबीं आजाद ने कहा कि सुरक्षाबल आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी रखें लेकिन इसमें किसी भी बेगुनाह की जान न जाए। हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच हाईकोर्ट के जज से करवानी चाहिए