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जाट आंदोलन: महिला पुलिस दल करेगा मुरथल कांड की जांच

जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरथल में महिलाओं के साथ कथित बलात्कार मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला पुलिस अधिकारियों के एक दल का गठन किया गया है। शनीवार को इस जांच दल ने कथित घटनास्थल वाले स्थान का दौरा किया।
जाट आंदोलन: महिला पुलिस दल करेगा मुरथल कांड की जांच

पिछले दिनों हरियाणा में आरक्षण के लिए हुए जाट आंदोलन के दौरान सोनीपत के नजदीक मुरथल में कुछ महिलाओं के साथ कथित बलात्कार की घटना की जांच के लिए सरकार ने एक जांच दल का गठन किया है। तीन सदस्यीय जांच दल में तीन महिला पुलिस अधिकारियों को रखा गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ राजश्री सिंह के नेतृत्व वाले इस दल में दो महिला पुलिस उपाधीक्षक भारती डबास और सुरिंदर कौर शामिल हैं। कथित घटना की जानकारी के लिए शनिवार को इस दल ने मुरथल का दौरा किया। मुरथल में घटनास्थल से बरामद हुए महिलाओं के कपड़ों के बारे में राजश्री ने कहा, इन्हें जांच के लिए फोरेंसिक विभाग की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। देखते हैं इनसे क्या सामने आता है। जब उनसे पूछा गया कि कथित घटना के दोषियों को पकड़ना पुलिस के लिए कितना चुनौतीपूर्ण है तो उन्होंने कहा कि पुलिस ने सबूत जुटाने के लिए घटनास्थल का दौरा किया है और इस संबंध में लोगों से पूछताछ की है। उन्होंने कहा, यह चुनौतीपूर्ण है। लेकिन हमें देखने दिजिए कि क्या हुआ है। हमारा प्रयास रहेगा कि सच्चाई सामने आए।

 

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें इस घटना के बारे में कोई भी जानकारी हो तो वह पुलिस के साथ साझा करें। कल राज्य सरकार ने कहा था कि जाट आंदोलन के दौरान जैसे ही उसे कथित यौन हमले की जानकारी मिली उसने उस पर तुरंत कार्रवाई की। पुलिस ने पहले कहा था कि ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो मुरथल में महिलाओं के साथ किसी तरह के यौन हमले को साबित कर सके। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस संबंध में एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव से इस घटना पर अलग-अलग रिपोर्ट देने को कहा है। हालांकि सरकार ऐसी किसी भी घटना के होने से इनकार कर रही थी।

 

वहीं आंदोलन के दौरान हुई उपद्रव की घटनाओं के सिलसिले में उपद्रवियों के खिलाफ तीन और एफआईआर दर्ज किया गया है। उपद्रवियों द्वारा की गई आगजनी व तोडफ़ोड़ के मामले में जींद पुलिस ने तीन और एफआईआर दर्ज की हैं। जिसमें वन विभाग की शिकायत भी शामिल है। आगजनी, तोड़फोड़ के अब तक जिले में 55 मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि आगजनी तथा तोड़फोड़ के मामलों का आंकलन 27 फरवरी तक किया जाना था। आंदोलन की आड़ में काटे गए पेड़ों के मामले में जुलाना ब्लॉक के वन अधिकारी सतीश की शिकायत पर जुलाना थाना पुलिस ने लगभग 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वन विभाग के अनुसार जुलाना ब्लॉक में 327 पेड़ काटे गए हैं। जबकि जिलेभर में लगभग 5138 पेड़ आंदोलन की भेंट चढ़ गए। अभी भी कुछ मामले ऐसे हैं जिनकी अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे मामलों की संख्या 70 तक पहुंच सकती है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार दालमवाला अस्पताल पर पथराव कर तोड़फोड करने के मामले में शहर थाना पुलिस ने अज्ञात एक हजार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

 

 

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